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तुरंत कोई कदम नहीं उठाए गए… तो खत्म हो जाएगा टेस्ट क्रिकेट

100030-test-cricketमेलबर्न: टी20 क्रिकेट मैच की बढ़ती लोकप्रियता और इसके प्रति दुनिया भर के बेहतरीन खिलाड़ियों का बढ़ता आकर्षण क्रिकेट के मूल फॉर्मेट टेस्ट क्रिकेट पर असर डाल रहा है। कहीं ऐसा ना हो इसका अस्तित्व ही समाप्त ना हो जाए। फेडरेशन ऑफ इंटरनेशनल क्रिकेटर्स एसोसिएशन (फिका) के सीईओ टोनी आइरिश ने आगाह किया कि आईपीएल और बिग बैश जैसे लुभावने टी20 लीग टेस्ट क्रिकेट के भविष्य को खतरे में डाल रहे हैं और यदि आईसीसी ने तुरंत कोई कदम नहीं उठाये तो लंबी अवधि का प्रारूप अपने अस्तित्व बचाये रखने के लिये संघर्ष करेगा।

आइरिश का मानना है कि यदि आईसीसी ने इस प्रारूप में आमूल चूल बदलाव नहीं किए तो द्विपक्षीय टेस्ट क्रिकेट खत्म हो जाएगा। आईसीसी सीईओ डेव रिचर्डसन ने 2019 तक किसी तरह के बदलाव की संभावना से इनकार किया था। तब वर्तमान का भविष्य का दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) समाप्त हो जाएगा लेकिन आइरिश का मानना है कि तब तक बहुत देर हो जाएगी। उन्होंने लंदन टेलीग्राफ से कहा, यदि हम 2019 तक इंतजार करते हैं तो विश्व में द्विपक्षीय क्रिकेट वास्तव में संकट में पड़ जाएगा।

आइरिश ने वेस्टइंडीज के खिलाड़ियों जैसे क्रिस गेल और ड्वेन ब्रावो का उदाहरण दिया जो राष्ट्रीय टीम की तरफ से खेलने के बजाय फ्रीलांस क्रिकेट खेलने को तरजीह दे रहे हैं। उन्होंने कहा, चिंता की बात यह है कि खिलाड़ी हमसे कह रहे हैं कि यदि चीजों में बदलाव नहीं हुआ तो वे अधिक से अधिक टी20 लीग में खेलना पसंद करेंगे। प्रत्येक देश के हिसाब से इसमें अंतर है। जिन देशों में खिलाड़ियों को अच्छा भुगतान मिलता है और टेस्ट क्रिकेट की स्थिति मजबूत है वहां टेस्ट क्रिकेट के लिए आत्मीयता बनी हुई है। आइरिश ने कहा,लेकिन कई देशों की स्थिति ऐसी नहीं है। आपको बड़े परिदृश्य में सोचना होगा। आपको कई देशों में टेस्ट क्रिकेट को मजबूत रखना होगा ताकि खिलाड़ी इस प्रारूप में खेलें। इस प्रारूप में निवेश करने की जरूरत है।

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