लखनऊ। सहारनपुर दंगा प्रशासनिक लापरवाही और एक वर्ग विशेष के प्रति तुष्टीकरण का परिणाम है। सहारनपुर में हुआ साम्प्रदायिक दंगा सुनियोजित था। सहारनपुर में एक वर्ग को संतुष्ट करने के लिए प्रशासन पीड़ित पक्ष पर भी मुकदमा कायम कर रहा है जबकि स्वयं प्रशासन मान चुका है कि दंगे का मास्टरमांइन्ड कौन है।? आज मास्टरमाइंड की फोटो भी समाचार के विभिन्न माध्यमों में छप चुकी है। उक्त बाते भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डा0 लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने प्रदेश के राज्यपाल राज नाईक से मिलने के बाद कही। डा0 बाजपेयी ने कहा कि सहारनपुर में जिस जमीन को विवादित बताकर दंगे की साजिश रची गयी। वास्तव में उस जमीन पर कोई मुकदमा चल ही नही रहा था। डा0 बाजपेयी ने महामहिम राज्यपाल को उक्त आशय का एक ज्ञापन सौपा जिसमें जमीन से सम्बंधित दस्तावेज, दंगे की जांच करने गये भाजपा जांच दल की रिपोर्ट शामिल है। ज्ञापन देने गये प्रतिनिधि मण्डल में नेता विधान मण्डल सुरेश खन्ना, प्रदेश उपाध्यक्ष आशुतोष टण्डन, प्रदेश मंत्री अनूप गुप्ता, वीरेन्द्र तिवारी, मधु मिश्रा, प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक, अल्पसंख्यक मोर्चा की प्रदेश अध्यक्ष रूमाना सिद्दीकी, प्रदेश मीडिया प्रभारी मनीष शुक्ला, पुष्पेन्द्र त्यागी शामिल थे।