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नागपुर में नागरिकता संशोधन अधिनियम के समर्थन में रैली
लखनऊ/नागपुर : नागरिकता संशोधन कानून के समर्थन में रविवार को रैली निकाली गई। इसमें भाजपा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, लोक अधिकार मंच समेत कई संगठन शामिल हुए। इस बीच उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को लखनऊ आने की इजाजत नहीं दी जाएगी। इससे तनाव बढ़ने का खतरा है। शनिवार को तृणमूल ने कहा था कि पार्टी का 4 सदस्यीय दल रविवार को मृतकों के परिजन से मुलाकात करेगा। लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश ने कहा कि कोर्ट की गाइडलाइन के मुताबिक प्रदर्शन में संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान की जाएगी। एडीएम नुकसान की जांच करेंगे। 7 दिन के नोटिस के बाद मुआवजा दिया जाएगा। नागपुर में नागरिकता कानून के समर्थन में एक बड़ी रैली निकाली गई। रैली का मकसद लोगों को नागरिकता कानून के बारे में जानकारी देना है। रैली में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी शामिल हुए। नागरिकता कानून के समर्थन में रविवार को इंदौर में एक रैली होनी है। इसमें भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल होंगे। नड्डा जनसभा को भी संबोधित करेंगे। वे नड्डा नागरिकता कानून के संबंध में लोगों को जानकारी देंगे। नड्डा यहां सिंधी समाज और सिख समाज सहित ऐसे लोगों से भी मुलाकात करेंगे, जो कि सालों से नागरिकता बिल की प्रतीक्षा कर रहे हैं। नड्डा की स्वागत रैली में सुरक्षा को लेकर प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। रैली में 20 से ज्यादा वाहन शामिल नहीं होंगे। रैली 35 मिनट में पूरा होगी। काफिला कहीं नहीं रुकेगा।
रैली में नड्डा कांच खोलकर अभिवादन कर सकेंगे लेकिन गाड़ी से नहीं उतरेंगे। उनका वाहन बुलेट प्रूफ रहेगा। नागरिकता कानून के विरोध में उत्तर प्रदेश के कई जिलों में बीते 3 दिनों से हिंसक प्रदर्शन हुए। इनमें अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। एहतियात के तौर पर 15 जिलों में इंटरनेट सेवाएं सोमवार दोपहर तक के लिए बंद कर दी गई है। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि जानकारी मिली है कि टीएमसी के कुछ नेता लखनऊ आ रहे हैं। हम उन्हें अनुमति नहीं दे सकते हैं। क्योंकि राज्य में धारा-144 लागू है। संवेदनशील इलाकों में सुरक्षा बल फ्लैग मार्च कर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हिंसा करने वाले लोगों की पहचान करके उन पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है। प्रदेश में 10 दिसंबर के बाद से अब तक 10,900 के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। 705 प्रदर्शनकारी गिरफ्तार किए गए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व में रविवार को 7 दल और सिविल सोसाइटी रविवार को शांति मार्च निकालेगी। इसके जरिए संदेश दिया जाएगा कि देश संविधान की मूलभावना के आधार पर चलेगा और चलना चाहिए। गहलोत ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को विभाजनकारी फैसला बताते हुए केंद्र से इसे वापस लेने की मांग की।