नई दिल्ली ( एजेंसी ),आंध्र विभाजन और पृथक तेलंगाना गठन पर मचे घमासान के बाद भी सरकार की ओर से तेलंगाना गठन की प्रक्रिया जारी है, तेलंगाना और सीमांध्र के बीच संसाधन बंटवारे के लिए 10 सदस्यीय मंत्रिमंडलीय समूह (जीओएम)का गठन किया है । यह सीमिति डेढ़ महीने में अपनी रिपोर्ट पेश करेगी जिसके बाद शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित विधेयक संसद में पेश किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर तेलंगाना का विरोध कर रहे जगनमोहन रेड्डी शनिवार से आमरण अनशन पर है। यहीं नहीं तदेपा प्रमुख चंद्रबाबू नायडू ने भी सोमवार से अनशन करने की घोषणा की है। चुनावों के मद्देनजर स्थानीय नेताओं में बेचैनी है यहीं कारण है कि पर्यटन मंत्री चिरंजीवी के बाद पल्लम राजू ने भी इस्तीफा दे दिया। सीमांध्र के सभी 13 जिलों में प्रदर्शनों का दौर जारी है। आम जनता के साथ सरकारी अधिकारी और कर्मचारी भी सड़क पर उतर आए हैं।
तमाम विपरीत परिस्थितियों के बाद भी सीमांध्र वरोध-प्रदर्शनों को स्वाभाविक बताते हुए गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने स्पष्ट कहा है कि साल के अंत तक तेलंगाना गठन को अमलीजामा पहना दिया जाएगा।
जीओएम में शिंदे के अलावा ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश, सड़क परिवहन मंत्री आस्कर फर्नाडिस, ऊर्जा मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कार्मिक राज्यमंत्री नारायण सामी के साथ 10 मंत्रियों को शामिल किया गया है। योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया भी जीओएम में हैं। जीओएम दोनों राज्यों के बीच सीमा निर्धारण से लेकर सरकारी अधिकारियों, नदियों व जलाशयों, बिजली, सड़क व सरकारी संपत्तियों के बंटवारे का विस्तृत खाका तैयार करेगा। साथ ही 10 साल तक हैदराबाद के संयुक्त राजधानी रहने की स्थिति में दोनों राज्यों के अधिकार क्षेत्र को भी स्पष्ट करेगा।