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तेज़ाब हत्याकांड: शहाबुद्दीन को BAIL, लेकिन नहीं छूटेगी JAIL
राष्ट्रीय जनता दल के पूर्व सांसद शहाबुद्दीन को आखिरकार बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड में पटना हाईकोर्ट ने जमानत दे दी। न्यायमूर्ति अंजना प्रकाश और न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार मिश्रा की खंडपीठ ने शहाबुद्दीन की ओर से दायर जतानत याचिका को सुनवाई के बाद स्वीकार कर लिया। अदालत ने इसी मामले में एक अन्य दोषी मुन्ना मियां की भी जमानत अर्जी स्वीकार कर ली।
इस मामले में सीवान की अदालत ने शहाबुद्दीन समेत चार लोगों को नौ दिसम्बर को दोषी ठहराया था और 11 दिसम्बर 2015 को उम्र कैद की सजा सुनाई थी । शहाबुद्दीन हत्या के एक अन्य मामले में उम्र कैद की सजा काट रहे हैं ।
इसके अलावा भी उनपर कई अन्य आपराधिक मामले लंबित है जिसके कारण तेजाब हत्याकांड में जमानत मिलने के बावजूद अभी वह जेल से रिहा नहीं हो पायेंगे ।
शहाबुद्दीन की ओर से याचिका में कहा गया था कि उन्हें इस मामले में गलत ढ़ंग से फंसाया गया है । हत्या की घटना के करीब 62 दिनों के बाद शहाबुद्दीन को अभियुक्त बनाया गया।
पूर्व सांसद के वकील ने कहा कि शहाबुद्दीन का नाम प्राथमिकी में नहीं था लेकिन बाद में उन्हें फंसाने के लिए उनका नाम जोड़ दिया गया ।
गौरतलब है कि वर्ष 2004 में सीवान जिले के मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के गोशाला रोड में जमीन विवाद को लेकर पंचायत के दौरान मारपीट की घटना हुई थी जिसके बाद कारोबारी चंद्रकेश्वर प्रसाद उर्फ चंदा बाबू के तीन पुत्र गिरीश कुमार उर्फ निकू (24) , सतीश कुमार उर्फ सोनू (18) और राजीव रौशन का अपहरण कर लिया गया था ।
बाद में गिरीश और सोनू की तेजाब डालकर हत्या कर दी गई थी जबकि राजीव ने किसी तरह वहां से भाग कर अपनी जान बचाई थी। बहुचर्चित तेजाब हत्याकांड के इस मामले में चंदा बाबू की पत्नी कलावती देवी के बयान पर संबंधित थाना में एक मामला दर्ज कराया गया था।
जांच के क्रम में घटना के चश्मदीद गवाह चंदा बाबू के तीसरे पुत्र राजीव रौशन ने अपने बयान में बताया था कि दोनों भाईयों की हत्या उसके सामने ही तेजाब से नहलाकर मो.शहाबुद्दीन के पैतृक आवास प्रतापुर में की गई थी । बाद में 16 जून 2014 को तीसरे पुत्र राजीव रौशन की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी ।