…तो अब कोहरे में भी दौड़ेंगी ट्रेनें
आमतौर पर मौसम ख़राब होने या कोहरा होने पर रेलों की गति कम हो जाती है .लेकिन अब ऐसा नहीं होगा, क्योंकि कोहरे से जुड़े उपकरणों के उपयोग से अब इन रेलों की गति पहले से ज्यादा हो जाएगी .रेलवे बोर्ड की बैठक में कोहरे से जुड़े उपकरणों को लगाने का फैसला किया गया.
उल्लेखनीय है कि खराब मौसम या कोहरे की स्थिति में रेलें 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चलती हैं. लेकिन अब नए उपकरणों से लैस हो जाने के बाद इनकी रफ्तार बढ़कर 75 किलोमीटर प्रति घंटा हो जाएगी. इस बारे में रेलवे बोर्ड की दो फरवरी को हुई एक बैठक में कोहरे से जुड़े उपकरणों के इस्तेमाल करने का फैसला लिया गया.
इस बारे में बोर्ड ने बुधवार को सभी रेलवे जोन को जो पत्र भेजा गया है उसके अनुसार लोकोमोटिव में कोहरे से जुड़े उपकरणों के इस्तेमाल से मौसम की प्रतिकूल परिस्थितियों में अभी की 60 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार को बढ़ाकर 75 किलोमीटर प्रति घंटे कर दिया गया है . अब लोको पायलट अपने विवेक से किस रफ्तार से ट्रेन चलाएगा यह उस पर निर्भर है . जीपीएस से लैस कोहरा सुरक्षा उपकरण लोको पायलट को आने वाले सिग्नल की जानकारी देंगे. इस उपकरण का उपयोग विभिन्न रेल जोन में किया जा रहा है.