तो इस कारण स्त्री को लक्ष्मी का रूप माना जाता है
आज से ही नहीं बल्कि आदिकाल से स्त्रियों को देवी का रूप माना जाता हैं, उन्हे माता लक्ष्मी का रूप माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में स्त्रियों का सम्मान होता है, वहां पर माता लक्ष्मी सदा बनी रहती है। उस घर में सुख-शांति व समृध्दि की कभी भी कोई कमी नहीं होती। लेकिन अब सवाल यह उठता है कि आखिर ऐसा क्या कारण है, जिसकी वजह से औरतों को माता लक्ष़्मी का रूप माना जाने लगा। आज हम आपसे इसी विषय से जुड़ी कुछ बातों पर चर्चा करने वाले हैं, जहा पर हम उन कारणों के बारे में जानेंगे, कि क्यों औरतों को माता ल़क्ष्मी माना जाता है?
काल पुरुष कुंडली में द्वितीया भाव परिवार का माना गया है और सप्तम स्थान स्त्री का, दोनों का स्वामी शुक्र है।.काल पुरुष यानी भगवान विष्णु और उनकी स्त्री यानी लक्ष्मी, स्त्री के लिए पति कारक गुरु होता है, और पुरुष के लिए शुक्र।. शादी के बाद स्त्री का गुरु सक्रीय हो जाता है और पुरुष का शुक्र सक्रीय हो जाता है, अब गुरु यहाँ ज्ञान (maturity) सोचने की शक्ति, कुंडली में पांच भाव का कारक होता है। अतः जिसका गुरु अच्छा होता है, वो जातक समझदार माना गया है, स्त्री का गुरु अच्छा हो तो शादी के बाद और बलि हो जाता है, और बिना समझदारी के घर चल नहीं सकता है।