अद्धयात्म

तो इस वजह से लंका से दूर फेंक दिया हनुमान जी ने शनिदेव को…

कहा जाता है, कि शनि का प्रभाव जिस भी इंसान पर पड़ता है, उसके जीवन में मुसीबत का समय शुरू हो जाता है, पर ऐसा हमेशा नहीं होता, जब शनि किसी पर मेहरबान होते हैं, तो उसका समय अच्छा आने लगता है, वही अगर हम बात करे हनुमान जी की तो यह राम के सबसे प्रिय भक्त है इनकी कृपा जिस पर भी होती है उसके सभी कष्ट ख़त्म हो जाते है आज हम आपको हनुमान जी द्वारा शनिदेव को क्यों फेका गया इस पर प्रकाश डालने वाले है ,तो आइये जाने पूरा मामला क्या था !

जैसा की हम सभी जानते है की रावण बहुत ही शक्तिशाली था उसको भगवान् शिव से कई वरदान मिले थे जिससे वह बहुत ही शक्तिशाली हो गया था ,मानव क्या देव भी इससे डरते थे शास्त्रों से मिली जानकारी के अनुसार एक बार जब इसके पुत्र का जन्म होने वाला था उस समय रावन ने सभी ग्रहों को बांध लिया था,रावण चाहता था की उसके बच्चे पर किसी भी गृह की खराब छाया न पड़े ,इस लिए उसने शनि समेत सभी को बंदी बना लिया था!

लेकिन आपको बता दे की शनि ने जन्म के समय अपना एक पैर 12 वे भाग में लटका दिया जब बाद में रावण को यह बात पता चली तो उसने शनि का पैर तोड़ डाला ,और सभी को अपने घर पर बंदी बना कर रख लिया !जब हनुमान जी माँ सीता की खोज करने आये तो शनिदेव को कैद से छुड़ा कर और आसमान की और फेक दिया था जिससे शनि देव मध्यप्रदेश के ती गाँवए जा गिरे ,शनि देव ने हनुमान जी से लंका को भस्म करने का वादा किया था ,शनि देव ने अपनी वक्र द्रष्टि लंका पर डाली और लंका जल कर खाक हो गयी !

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