धौनी के वनडे और टी20 मैचों की कप्तानी छोड़ने की वजहों पर कई अटकलें लगाई जा रही हैं। लेकिन क्या इसकी वजह विराट कोहली हैं?
महेंद्र सिंह धौनी ने टीम इंडिया के वनडे और टी20 मैचों की कप्तानी छोड़ने का फैसला अचानक लेकर क्रिकेट प्रशंसकों को चौंकाने का काम किया है। हालांकि कई खेल विशेषज्ञों का मानना है कि धौनी ने सही समय पर यह फैसला लिया। वजह जो भी हो, इस फैसले के केंद्र में विराट कोहली भी हैं, क्योंकि उनका अगला कप्तान बनना लगभग तय है।
कोहली के भले के लिए फैसला?
भारत को इसी साल जून में आइसीसी चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेना है। वनडे और टी20 मैचों के आगामी कप्तानी विराट कोहली के लिए यह पहला बड़ा टूर्नामेंट होगा और इसकी तैयारी करने के लिए उनके पास केवल इंग्लैंड के साथ तीन वनडे और तीन टी20 मैचों में कप्तानी का मौका होगा। यही अनुभव उनके काम आएगा। इसके बाद विराट का असली टेस्ट 2019 के वनडे वर्ल्ड कप में होगा। इस वजह से भी धौनी के इस फैसले को सही ठहराया जा रहा है।
कप्तानी के दबाव में थे धौनी?
हालांकि, धौनी के कप्तानी छोड़ने की वजह सिर्फ इतनी नहीं है। सूत्रों के मुताबिक धौनी ने बीसीसीआइ को भेजे लेटर में कहा है कि वह वनडे कप्तानी छोड़ रहे हैं और विराट कोहली के मेंटॉर के रूप में काम करने को तैयार हैं। धौनी के इस कदम की एक वजह शायद यह भी है कि कप्तानी के दौरान उनके फिनिशर के रोल पर असर पड़ने लगा था। अमेरिका में खेले गए टी-20 मैच में वह ब्रावो के आखिरी ओवर में मैच नहीं जिता सके थे। इसके अलावा वह जिंबाब्वे के खिलाफ आखिरी ओवर में 8 रन भी नहीं बना सके थे। यही नहीं, वह दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ कानपुर में खेले गए वनडे मैच में जीत के लिए जरूरी 11 रन नहीं बना सके थे। यह शायद उनपर कप्तानी का अतिरिक्त दवाब था।
कोहली का प्रदर्शन दे रहा था टेंशन?
दूसरी ओर विराट कोहली वनडे मैचों में भी अपने प्रदर्शन से लगातार टीम को जीत की दिशा में ले जा रहे हैं। यह भी धौनी के लिए चिंता का सबब हो सकता है। टेस्ट कप्तान बन चुके कोहली ने पिछले 15 वनडे मैचों में 75 के औसत से 948 रन जुटाए हैं। लक्ष्य का पीछा करते हुए तो उनका प्रदर्शन और निखर जाता है। लक्ष्य का सफलतापूर्वक पीछा करते हुए कोहली ने 58 पारियों में 90.10 के औसत से 3514 रन जुटाए हैं। इसमें उनके 14 शतक और 15 अर्धशतक शामिल हैं। उनके बाद दूसरे नंबर पर ब्रायन लारा हैं, जिनका औसत 68.58 है।