अरविंद केजरीवाल पर आरोप था कि उन्होंने कोयला घोटाला मामले में विरोध प्रदर्शन करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के घर के बाहर हिंसक प्रदर्शन किया।
नई दिल्ली: दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट में आम आदमी पार्टी के लिए एक मायने में सोमवार का दिन कुछ अच्छा रहा तो कुछ खराब भी, कोर्ट में एक तरफ दिल्ली सरकार के मंत्री सत्येंद्र जैन के खिलाफ सीबीआई ने चार्जशीट दाखिल की, तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दंगे के एक मामले में बरी कर दिया गया। इस केस में अरविंद केजरीवाल समेत उन 6 आरोपियों को भी राहत मिली जिन्हें पटियाला हाउस कोर्ट ने बरी कर दिया था।
2012 के इस दंगा मामले में केजरीवाल समेत छह लोगों पर आरोप था कि उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के आवास के बाहर कोयला घोटाले के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और दंगा भड़काने की कोशिश की. केजरीवाल समेत जिन 6 लोगों को कोर्ट ने बरी किया है, वे सभी ‘इंडियाअगेंस्ट करप्शन’ (आईएसी) के कार्यकर्ता हैं। बरी लोगों के नाम हैं- महेश, दीपक छाबड़ा, अनिल कुमार सिंह, गौतम कुमार सिंह, घनश्याम और रंजीत सिंह। आईएसी का गठन मशहूर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे के अनशन के दौरान हुआ था, जिसका नेतृत्व अरविंद केजरीवाल कर रहे थे।
कोर्ट में पुलिस की तरफ से बताया गया कि 26 अगस्त 2012 को केजरीवाल के नेतृत्व में आईएसी के सदस्यों ने पीएम आवास के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियोंको रोकने के लिए पानी की बौछारों का इस्तेमाल किया गया जिसके बाद प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए। पुलिस ने इस मामले में कोर्ट को यह भी बताया था कि प्रदर्शनकारियों को हटाने के लिए कई राउंड आंसू गैस के गोले छोड़े गए, लेकिन असामाजिक तत्वों ने झंडे के डंडे से पुलिसवालों पर हमला कर बैरिकेड समेत सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की। आम आदमी पार्टी के वकील मोहम्मद इरशाद ने बताया कि इस केस में तुगलक रोड थाने में पांच अलग- अलग केस दर्ज किए गए थे, जिनमें चार मामलों में सभी आरोपी कोर्ट से बाइज्जत बरी हुए हैं, लेकिन पांचवें मामले को कोर्ट ने आरोप तय करने लायक नहीं माना और केजरीवाल समेत6 आरोपियों को बरी कर दिया।