दंड देकर वापस नहीं कर सकता सूचना आयोग: हाईकोर्ट
इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने उत्तर प्रदेश सूचना आयोग द्वारा आरटीआई एक्ट के तहत पहले दंड देकर उसे वापस लिए जाने के खिलाफ आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर द्वारा दायर रिट याचिका में एक महत्वपूर्ण निर्णय में कहा है कि आयोग को अपने द्वारा किये गए पूर्व के निर्णय, जिसमे दंड देने का प्रावधान भी शामिल है, पर पुनर्विचार करके उसे बदलने का अधिकार नहीं है. जस्टिस अमरेश्वर प्रताप साही तथा जस्टिस अनिल कुमार श्रीवास्तव द्वितीय की बेंच ने यह आदेश अमिताभ की अधिवक्ता डॉ नूतन ठाकुर और सूचना आयोग के अधिवक्ता शिखर आनंद को सुनने के बाद दिया. कोर्ट ने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश आरटीआई रूल्स 2015 में भी आयोग को अपना आदेश मात्र उन स्थितियों में वापस लेने का अधिकार दिया गया है जब उसने गलत तारीख को सुनवाई कर ली हो या बिना दूसरे पक्ष को सुने आदेश कर दिया हो. कोर्ट ने कहा कि इसके अलावा आयोग किसी स्थिति में अपना दिया गया दंड वापस नहीं ले सकता. अतः कोर्ट ने अमिताभ के मामले में 2010 में गृह विभाग के अधिकारियों पर लगाए गए दंड का तत्काल पालन कराये जाने के आदेश दिए.