दर्जनों वाहनों के काफिले के साथ काशी पहुंचा मुन्ना बजरंगी का शव
माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी का शव जौनपुर में उसके पैतृक गांव सुरेरी के पुरेदयाल से चल कर काशी पहुंच चुका है। माफिया डॉन के शव वाहन के साथ सैंकड़ों गाड़ियों का काफिला चल रहा है। कुछ ही देर में मुन्ना बजरंगी का शव मणिकर्णिका घाट पहुंचेगा जहां अंतिम संस्कार होगा।
घाट पर चिता सजा दी गई है। चप्पे चप्पे पर पुलिस बल तैनात है। घाट पर भीड़ जमा है। इससे पहले मुन्ना बजरंगी का शव मंगलवार सुबह उसके पैतृक घर पहुंचा। जौनपुर सीमा में प्रवेश करने के दौरान कई गाड़ियों का काफिला शव वाहन के साथ चल रहा था। शव पहुंचते ही परिवार में कोहराम मच गया।
यहां पर लोगों का पहले से जमावड़ा लगा था। कहीं शोक तो कहीं गुस्से का माहौल दिखा। गांव में शव पहुंचने से पहले ही डॉन का आवास पुलिस छावनी में तब्दील हो चुका था। मड़ियाहूं से लेकर सुरेरी और कसेरू गांव तक जगह-जगह फोर्स तैनात थी।
अंतिम संस्कार के लिए माफिया का शव यहां से वाराणसी के लिए 9: 20 बजे रवाना हुआ। बता दें कि मुन्ना बजरंगी की सोमवार को बागपत जेल में गोलियों से भूनकर हत्या कर दी गई थी।
तीन साल पहले आखिरी बार घर आया था मुन्ना
मुन्ना बजरंगी मां की तेरहवीं में शामिल होने के लिए तीन साल पहले पेरोल पर छूटकर आखिरी बार पांच दिन के लिए घर आया था। मुन्ना बजरंगी की मां लीलावती सिंह का निधन आठ मई, 2015 को हो गया था। उस वक्त बजरंगी सुल्तानपुर जिला कारागार में बंद था। मां की मौत के बाद शुद्धक और तेरहवीं के लिए उसने 20 हजार लोगों को निमंत्रण बांटा था। दस हजार लोग आए भी थे।
पहली पत्नी ने देवर से कर ली थी शादी
मुन्ना बजरंगी की शादी किशोरावस्था में हुई थी। 1984 में उसने कालीन व्यवसायी को गोली मारी और फरार हो गया। लंबे समय तक फरारी काटता रहा। भोपाल गैस कांड में मुन्ना की मौत की अफवाह के बाद पत्नी शकुंतला ने देवर राजेश के साथ शादी कर ली। एक बेटी को जन्म देने के कुछ दिन बाद शकुंतला की मौत हो गई।