ज्ञान भंडार

दलाल खरीद रहे 11 सौ रुपए क्विंटल, बिचौलियों तक 1200 रु में, यहां समर्थन मूल्य 1470 रुपए

427_-bhaskar-news_1482026महासमुंद.कोमाखान का सीमावर्ती गांव खट्टी…कई घरों के सामने इलेक्ट्रानिक तौल-कांटे लगे हैं। लोगों ने बताया कि आधी रात के बाद ओड़िशा की ओर जंगल से धान भरी गाड़ियां रोज आ रही हैं। कई बार तो किसान मोटरसाइकिल में ही एक-दो बोरे लादकर ला रहे हैं। इस धान की तलाश में सीमा पार के दर्जनभर गांवों में दलाल और तस्कर धान की तलाश में नजर आ गए।
– भास्कर टीम ने पूछा कि धान कहां से आता है, तो सीधे मोलभाव पर उतर गए कि धान तो जितना चाहे मिल जाएगा। रेट यहीं का लगेगा…यानी 1470 रुपए क्विंटल।
– धान कैसे आएगा, पेमेंट कैसे होगा, सब कुछ तय है क्योंकि बरसों से यही चल रहा है। इस तरह ओड़िशा का धान तस्कर और बिचौलिये मिलकर छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में मंडियों में खपा रहे हैं।
– भासकर टीम ने महासमुंद जिले के ओड़िशा सीमा से लगे इलाकों गढ़फूलझर, पलसापाली, केरा मुड़ा, कुदारी बाहरा, साल्हे झरिया, कटंगी तराई, छोटे बोरम और चरोदा जैसे गांवों का दोपहर से रात तक जायजा लिया।
– सभी जगह बताया गया कि बार्डर से देर रात धान पहुंचता है, लेकिन बिचौलिये दोपहर से ही डेरा डाल देते हैं।
– धान खरीदने और फिर बाहर निकालने का काम इन्हीं का है। भास्कर से इन्हीं में से कुछ कुछ दलालों ने सौदेबाजी की कोशिश की कि जब जितना चाहें, धान उपलब्ध करवा देंगे।
जांच के लिए चौकियां भी हैं, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए
– दिलचस्प बात ये है कि धान सड़कों से ही नहीं, जंगल के पगडंडीनुमा रास्तों से लेकर नालों के जरिये भी आ रहा है। जांच के लिए चौकियां भी हैं, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए।
– कोमाखान से ओडिशा की ओर जाने वाले मार्ग पर एक जांच नाका है। यहां पांच लोगों की ड्यूटी है, लेकिन भास्कर टीम शाम को पहुंची तो वहां एक भी कर्मचारी नहीं था।
– आसपास के लोगों ने बताया कि आने-जाने का समय फिक्स नहीं है। आते हैं, पुल तक गश्त करते हैं और चले जाते हैं। टीम पुल तक भी गई, लेकिन जांच दल कहीं नजर नहीं आया।
तस्करी ओड़िशा से क्यों?
– बार्डर के गांवों में लोगों ने बताया कि ओड़िशा में धान का समर्थन मूल्य 1470 रुपए ही है। वहां मंडियां दूर हैं, खरीदी में हफ्ते में दो बार ही होती है।
– इसलिए धान पहुंचाने और बेचने में ही किसानों के डेढ़-दो सौ रुपए क्विंटल तक खर्च हो जाते हैं। दूसरी ओर, छत्तीसगढ़ सीमा लगी हुई है।
– यहां ज्यादा मेहनत किए बिना कम गुणवत्ता वाले धान के बदले में भी 11 सौ रुपए क्विंटल मिल जाता है। इसलिए वे यहीं धान बेच रहे हैं।
– इस रेट और समर्थन मूल्य में सीधे 370 रुपए क्विंटल का अंतर है और इसी अंतर के कारण समूचे बार्डर इलाके में धान की तस्करी और बिचौलियागिरी फल-फूल रही है।

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