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नई दिल्ली (एजेंसी) : एससी/एसटी कानून में बदलाव के उच्चतम न्यायलय के फैसले के विरोध में दलित संगठनों का भारत बंद प्रदर्शन हिंसक हो गया है।
उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में भी एक की मौत हो गई है। जबकि मेरठ में प्रदर्शनकारियों ने काफी उत्पात मचाया है। पंजाब, बिहार, और ओडिशा में भी बंद का व्यापक असर है। यहां प्रदर्शनकारियों ने न सिर्फ रेल रोका है बल्कि सड़क जाम कर परिवहन व्यवस्था को भी नुकसान पहुंचाया है। मेरठ में पुलिस चौकी में आग लगा दी गई। इसके अलावा देश भर के कई जगहों पर कर्फ्यू लगा दी गई है।
मध्य प्रदेश के मुरैना में हुई झड़प में एक युवक की मौत हो गई है। राजस्थान के बाड़मेर और मध्य प्रदेश के भिंड में दो गुटों में हुई झड़प में करीब 30 लोग जख्मी हुए हैं। बाड़मेर में कई वाहनों में आग लगाई गई है। संगठनों की मांग है कि अनुसूचित जाति-जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम 1989 में संशोधन को वापस लेकर एक्ट को पहले की तरह लागू किया जाए। मेरठ के कंकरखेड़ा क्षेत्र के 400 से 500 दलित युवक हाथों में लाठी डंडे और हथियार लेकर प्रदर्शन करते हुए सड़क पर उतर आए और वहां बवाल कर दिया। शोभापुर पुलिस चौकी में आग लगाई। पुलिस पर भी हमला। पत्रकारों के कैमरे तोड़े। दलित छात्रों ने मेरठ विवि कैंपस में मेन गेट पर ताला बंदी की। कैंपस में तोडफ़ोड़। लाइट पंखे तोड़ डाले। तेजगढ़ी चौराहा को दलितों ने कब्जे में लिया। आवाजाही पूरी तरह बाधित। फिरोजाबाद में नारकी में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की लाठी से घायल युवक की मौत ही गई, आगरा में एमजी रोड, ग्वालियर रोड, जगनेर रोड, शाहदरा, शाहगंज में जाम लगाया। गतिमान एक्सप्रेस को रोका, ट्रैक जाम किया। भाजपा महानगर अध्यक्ष के होटल में तोड़फोड़, पथराव, आगरा से किसी भी अन्य जिले में जाने वाली रोडवेज की बसों का संचालन उपद्रवियों ने ठप कर दिया है।