अजब-गजबफीचर्डलखनऊ

दलित आंदोलन के चलते वृद्ध की मौत

बिजनौर/लखनऊ : एससी-एसटी एक्ट के तहत दर्ज मामलों में तत्काल गिरफ्तारी पर रोक लगाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में दलित संगठनों ने सोमवार को भारत बंद के दौरान जम कर हिंसा की। इसी सियासी दलित आंदोलन की चपेट में एक बुजुर्ग भी आया जिसे अपनी जान देनी पड़ी। दरअसल, जिस समय बिजनौर में दलितों का बवाल चल रहा था उसी समय बीमार बुजुर्ग को उसके परिजन एम्बुलेंस से डॉक्टर के पास लेकर जा रहे थे लेकिन उपद्रवियों ने एम्बुलेंस को रास्ता नहीं दिया। चालक ने बीमार व्यक्ति को चौराहे पर ही उतार दिया और बीमार के परिजन उसको कंधे पर लेकर निजी डॉक्टर के पास जाने लगे तो रास्ते मे ही बुजुर्ग ने दम तोड़ दिया। उसके बाद डॉक्टर को दिखाया तो डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया।
कोतवाली देहात थाना के गाँव बरुकी का रहने वाले लोकमन सिंह (60) को सोमवार को सीने में दर्द की परेशानी हुई थी तो परिजनों ने लोकमन सिंह को जिला अस्पताल में भर्ती कराया लेकिन तबियत में सुधार नही हुआ। जिला अस्पताल में मरीज की अनदेखी को देखते हुए लोकमन का बेटा राजू उन्हें एम्बुलेंस से प्राइवेट डॉक्टर के पास ले जा रहा था। बिजनौर में जजी चौराहे पर एम्बुलेंस दलितों के आंदोलन के जाम में फंस गयी। राजू और उसकी मां प्रदर्शनकारियों के सामने एम्बुलेंस ले जाने के लिए मनुहार करते रहे लेकिन वे नहीं माने। फिर एम्बुलेंस चालक ने मरीज को गाड़ी से उतार दिया। कोई रास्ता न देख लोकमन के बेटे राजू ने अपने बाप को कंधे पर लेकर 500 मीटर दूर तक निजी डॉक्टर के पास लेकर गया। लेकिन लोकमन ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया था।

Related Articles

Back to top button