दस्तक टाइम्स एजेंसी/हल्द्वानी के सुशीला तिवारी अस्पताल में पेट के कीड़े मारने की दवा खाने के बाद भर्ती हुई छात्राओं के पेट के कीड़े दवा खाने के बाद दिमाग में पहुंच गए हैं और उनकी हालत गंभीर है।
दोनों छात्राओं को पीआईसीयू में रखा गया है। इधर बृहस्पतिवार को भर्ती अन्य बच्चों को साइक्लॉजिकल थैरेपी दी जाएगी, जबकि परिजनों की भी काउंसिलिंग होगी। एसटीएच में भर्ती बच्चों की संख्या फिलहाल 23 हो गई है।
10 फरवरी को राष्ट्रीय कृमि दिवस पर पेट के कीड़े मारने की दवा खाने के बाद एसटीएच में बच्चों को भर्ती कराया गया था। एसटीएच में खटीमा बग्गा चौवन निवासी गीता, मनीषा, पार्वती, रानी, नीलम, सोनी, शबरा खातून, नीमा, प्रीति, कविता, ममता, शिवमती, शबीना, सोनिया, अमन, दिव्या, ममता, उर्मिला, सूरज, अनुराग पांडे भर्ती हैं।
एसटीएच के एमएस डॉ. एके पांडेय ने बताया कि देर शाम निधि और पूजा का एमआरआई कराया गया, जिसमें पता चला है कि कीड़े की दवा खाने से दोनों के पेट के कीड़े उनके दिमाग में पहुंच गए हैं। इसी वजह से उन्हें दौरे पड़ रहे हैं। दोनों बच्चों को पिडियाट्रिक्स इंटेंसिव केयर यूनिट (पीआईसीयू) में रखा गया है।
इसके अलावा बाकी बच्चे सामान्य हैं। डॉ. पांडेय ने बताया कि बृहस्पतिवार को भर्ती बच्चों को साइक्लॉजिकल थैरेपी दी जाएगी। स्वस्थ हो चुके बच्चों को अस्पताल से ले जाने के लिए परिजनों की भी काउंसिलिंग की जाएगी। कई बच्चे पैर और हाथ में दर्द बता रहे हैं जो सामान्य बात है।
इधर, निधि के पिता गणेश गोस्वामी ने बताया कि उनकी बेटी राइंका दौलिया हल्दूचौड़ में कक्षा 11 की छात्रा है। उन्होंने बताया कि 10 फरवरी को कीड़ों की दवा खाने पर उनकी बेटी की तबियत खराब होने पर उसे बेस अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
दो दिन बाद तबियत में सुधार होने पर उसे डिस्चार्ज करा घर ले गए थे, लेकिन बुधवार को फिर से पूजा की तबियत खराब होने पर उसे एसटीएच में भर्ती कराया है। समाचार लिखे जाने तक निधि बेहोशी की हालत में थी।