दहेज मामले में राधे मां से पूछताछ, उच्च न्यायालय से मिली राहत
मुंबई। पुलिस ने विवादों में घिरी राधे मां से दहेज उत्पीड़न के एक मामले में आज चार घंटे से अधिक समय तक पूछताछ की जिसमें उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इंकार किया वहीं बंबई उच्च न्यायालय ने अस्थायी राहत प्रदान करते हुए उन्हें अंतरिम अग्रिम जमानत दे दी। राधे मां यहां कांदिवली पुलिस थाने में पेश हुईं। इस मामले में उसे मुंबई पुलिस ने समन जारी किया था। पुलिस ने उनसे करीब साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की और उनका बयान दर्ज करने के बाद उन्हें जाने दिया। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राधे मां ने अपने खिलाफ लगे आरोपों से इंकार किया।
कांदिवली थाने के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक मुकुंद पवार ने कहा कि उन्होंने अपने खिलाफ लगे सभी आरोपों से इंकार किया। पुलिस के अनुसार राधे मां को मामले के संबंध में 75 सवालों की सूची दी गयी थी। उन्होंने बताया कि पूछताछ के दौरान उनकी तीन महिला सेवक और वकील उनके साथ थे। वहीं 50 से ज्यादा अनुयायी थाने के बाहर एकत्र थे। एक महिला ने आरोप लगाया है कि राधे मां ने उसके ससुराल वालों को उकसाया था कि वे अपनी बहू से दहेज मांगें। महिला के ससुराल वाले राधे मां के अनुयायी हैं।
कांदीवली से लगे बोरीवली इलाके की पुलिस ने भी राधे मां से पूछताछ की। यह पूछताछ एक अधिवक्ता द्वारा यहां उनके खिलाफ दायर शिकायत के संबंध में हुई। पिछले सप्ताह कांदिवली पुलिस ने राधे मां एवं छह अन्य लोगों के खिलाफ पांच अगस्त को दाखिल मामले के संबंध समन जारी किया था, जिसमें महिला ने आरोप लगाया था कि दहेज के लिए उसके ससुराल वालों ने उसका शारीरिक एवं मानसिक उत्पीड़न किया । इस मामले में कल एक स्थानीय अदालत ने सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां को गिरफ्तारी पूर्व जमानत देने से इनकार कर दिया था।
राधे मां को दहेज उत्पीड़न के मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने आज अंतरिम जमानत दे दी। न्यायमूर्ति मदुला भटकर ने सुखविंदर कौर उर्फ राधे मां की ओर से दायर याचिका पर उन्हें गिरफ्तारी से दो सप्ताह तक के लिए अंतरिम राहत प्रदान की। अब एक पखवाड़े के बाद इस मामले पर सुनवाई होगी।
अदालत ने राधे मां की इस दलील पर भी गौर किया कि दहेज उत्पीड़न के मामले में उन्हें छोड़कर सभी छह आरोपियों को निचली अदालत ने राहत प्रदान की।