उत्तर प्रदेशराज्य

दागी इंजीनियर यादव सिंह की 5 करोड़ 90 लाख रुपए की प्रापर्टी सीज

लखनऊ. यूपी के चर्चित इंजीनियर यादव सिंह मामला एक बार फिर चर्चा में है। सपा परिवार के सदस्य प्रो. राम गोपाल यादव और मायावती के भाई आनंद के करीबी समझे जाने वाले यादव सिंह के विरुद्ध 2014 में ईडी ने मामले की जांच शुरू की थी। शनिवार को ईडी की यूपी इकाई ने 5 करोड़ 90 लाख की प्रापर्टी व आॅफिस सील कर दिया है।दागी इंजीनियर यादव सिंह की 5 करोड़ 90 लाख रुपए की प्रापर्टी सीज

-ईडी ने यादव की पत्नी कुसुम लता के नाम से चलने वाला एनजीओ के खाते आपरेट करने पर रोक लगाते हुए उसके पेपर्स केा कोर्ट में सौंप दिया। यादव सिंह नोएडा आॅथोरिटी में इंजिनियर के पद पर तैनात थे। जिसमें रहते हुए अरबों की प्रापर्टी और करप्शन के चार्ज उन पर लगे।

करोड़ों की प्रापर्टी और आॅफिस सीज

– ईडी ने शनिवार को नोएडा और दिल्ली में छानबीन के बाद यादव सिंह के करोड़ों की प्रापर्टी और आॅफिस को सील कर दिया। इसके अलावा उनकी पत्नीं के नाम से चलने वाला एनजीओ के खातों पर भी रोक लगाते हुए उसके पेपर्स केा कोर्ट में सौंप दिया।

– ईडी ने जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि- लगभग 5करोड़ 90लाख की प्रापर्टी जब्त की गई है।

– जिसमें 4करोड़ 60लाख इंडियन ओवरसीज़ बैंक के खाते में मिले जिसके लेनदेन पर रोक लगा दी गई है।

– इसके अलावा मथुरा की 2प्रापर्टी, 2 बड़ी प्रापर्टी जहंागीरपुर गौतमबुध नगर और 1दिल्ली स्थिति आॅफिस को सील करते हुए ईडी ने अपने कब्जें में ले लिया है।

– इन प्रार्पटी के अलावा उनकी पत्नीं कुसुम लता के नाम पर चल रहे पीजीपी चैरिटबल ट्रस्ट के पेपर्स केा भी कोर्ट सौंप दिया गया है।

हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 जुलाई 2015 को संपत्ति जांच का आदेश दिया था सीबीआई को

– इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 जुलाई 2015 को उसकी संपत्ति की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था। बताते चलें कि उसकी गाड़ी से 10 करोड़ के कैश और 100 करोड़ के हीरे मिले थे। वहीं, उसने ऑफिस में नोट गिनने की मशीन लगा रखी थी। जिसके बाद पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया।

‘शेल कंपनियों‘ के जरिए होता था पूरा खेल

– इनकम टैक्स अफसर, कृष्ण सैनी ने बताया कि ये सारा खेल श्शेलश् कंपनियों के जरिए होता था। ये फर्जी कंपनियां होती हैं। रजिस्टर्ड कंपनियां बनाकर नोएडा से प्लॉट अलॉट किए जाते थे। बाद में इनके शेयर शेल कंपनियों को बेचे जाते थे। इस तरह टैक्स की भी चोरी की जाती थी।

ये हैं यादव सिंह से जुड़े 10 फैक्ट

– 28 नवंबर 2014 को इनकम टैक्स के छापे में उसकी गाड़ी से 10 करोड़ कैश, 100 करोड़ के दो किलो हीरे की ज्वेलरी जब्त की गई।

– बसपा सरकार में उसने अपने ऑफिस में नोट गिनने की मशीन भी लगा दी थी।

– नोएडा सेक्टर 51 की कोठी के पास ग्रीन बेल्ट में ईको फ्रेंडली टॉयलेट, फुट लाइट, चार्जिंग प्वाइंट, कबूतरों का पिंजड़ा और रंग-बिरंगे झूले थे।

– अखिलेश सरकार ने उसके खिलाफ विभागीय जांच बिठाकर सस्पेंड कर दिया। बाद में सस्पेंशन वापस ले लिया।

– उसके आगरा के घर में सीबीआई गई, लेकिन ताला नहीं खुला।

– वह घर आता था, तो गाड़ी में नीली बत्ती होती थी। काफिले में पुलिस की एस्कॉर्ट टीम भी रहती थी।

– उसने नियमों को ताक पर रखकर 954 करोड़ रुपए के ठेके अपने करीबियों को बांट दिए थे।

– वह जेई से नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेस-वे के चीफ इंजीनियर की पोस्ट तक पहुंचा। आरोप है कि वह बिना डिग्री के ही प्रमोट हुआ।

– इनकम टैक्स विभाग में अफसर कृष्णा सैनी के मुताबिक, श्यादव सिंह की पत्नी और पार्टनरों पर आरोप लगा है कि उन्होंने 40 कंपनियां बनाकर हेराफेरी की।

– अधिकारियों के मुताबिक, उसने कोलकाता में 40 फर्जी कंपनियां बनाकर नोएडा अथॉरिटी में प्लॉट का एलॉटमेंट का खेल शुरू किया।पूर्व चीफ इंजीनियर यादव सिंह को सीबीआई ने गिरफ्तार कर लिया है। गुरुवार को सीबीआई कोर्ट ने यादव सिंह का 6 दिन का रिमांड स्वीकृत कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने 15 जुलाई 2015 को उसकी संपत्ति की जांच का आदेश सीबीआई को दिया था। बताते चलें कि उसकी गाड़ी से 10 करोड़ के कैश और 100 करोड़ के हीरे मिले थे। वहीं, उसने ऑफिस में नोट गिनने की मशीन लगा रखी थी।

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