स्वास्थ्य
दाम्पत्य जीवन को खुशहाल बनाना चाहते हैं तो अपनाएं ए टिप्स
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प्रेमी-प्रेमिका की तरह मिलना और पति-पत्नी बनकर एक साथ एक ही छत के नीचे रहने में फर्क होता है । जहां पहले किसी तरह के कमिटमेंट्स नहीं होते, बाद में कुछ बंदिशें तथा कुछ कमिटमेंट्स होने शुरु हो जाते हैं । शादी करना तो आसान हैं पर इस रिश्तें को निभाना थोड़ा कठिन होता हैं क्योंकि शादी होने के बाद जब दांपत्य जीवन की शुरुवात होने लगती है तो धीरे धीरे समय बीतने के साथ-साथ इसमें किसी न किसी बात को लेकर खींचातनी चलती रहती हैं । दांपत्य जीवन में पति-पत्नी को विवेक एवं धैर्य का साथ नहीं छोड़ना चाहिए और अपने रिश्तों की गाड़ी को पटरी पर सही ढंग से चलाने का प्रयास करना चाहिए ।संबंधों की मजबूती के लिए यह बेहद जरूरी है कि आप दोनों आपस में अपने विचार बांटें । सिर्फ सांसारिक बातें ही काफी नहीं होतीं, एक दूसरे की भावनाओं को भी समझने का प्रयास करें।सामाजिक संबंधों के फेर में या ओवर एंबीशन के चलते साथी की उपेक्षा न करें । उसे पर्याप्त समय दें, जितना ज्यादा इंटरएक्शन होगा उतना ही प्यार बढ़ेगा और एक-दूसरे की फीलिंग्स को समझ पाएंगे।ऐसा अक्सर होता है कि विवाह के कुछ समय बाद ही जहां परिवार बढ़ा, दम्पति गंभीरता का लबादा ओढ़ लेते हैं। बातचीत के विषय सिर्फ कार्य से संबंधित ही रह जाते हैं । सारी मस्ती हवा हो जाती है। अतीत बन कर रह जाता है सारा चुलबुलापन, मस्ती । क्या दाम्पत्य में अब इनकी कोई अहमियत नहीं रह जाती? ऐसा सोचना सरासर गलत है। जीवन मजेदार बना रहे, रस से भरा रहे । उसके लिए हल्की-फुल्की छेड़छाड़, शरारत तो पति-पत्नी की जिंदगी में होनी ही चाहिए।पारंपरिक रिश्ते से भिन्न आज पति-पत्नी का रिश्ता दोस्ती का होने लगा है । यह इस रिश्ते का एक सुखद पहलू है। आज स्त्री भी पुरुष की तरह ही उच्च शिक्षित है । बराबर की समझ और ज्ञान रखती है बल्कि समझदारी के मामले में उसके पास एक्स फैक्टर हैं जो पुरुषों में कम ही देखने को मिलेगा । इसका लाभ उठाएं और जीवन की गाड़ी के दो समान पहियों पर अपने प्यार की गाड़ी को आगे बढ़ाएं ।