राष्ट्रीय

दार्जिलिंग में कई जगहों पर हुई आगजनी, हालात बिगड़े

दार्जिलिंग : दार्जिलिंग में गोरखालैंड आंदोलन को 5 दिन पूरे हो गए हैं| जीजेएम पार्टी प्रमुख बिमल गुरुंग के निवास और दफ़्तर पर गुरुवार को पुलिस ने छापे मारे, जिसके बाद से ही जीजेएम प्रमुख अंडरग्राउंड हो गए हैं| दार्जिलिंग में इसके बाद से अनिश्चितकालीन बंद का आह्वान किया गया है| पुलिस छापेमारी ने गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के समर्थकों को और नाराज कर दिया है| हिल्स एरिया में गुरुवार रात कई जगह आग लगाने की घटनाएं हुईं| एक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र ,बिजली आफिस और कलिम्पोंग में पंचायत भवन समेत कई जगहों पर आग लगा दी गईं| हालात को नियंत्रित करने के लिए और पुलिस अधिकारियों के साथ अर्द्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है| पुलिस की इस कार्रवाई का मोर्चा ने काफी विरोध किया| पुलिस का कहना है कि उनके पास पुख्ता सूचनाएं थीं| इसी के आधार पर जीजेएम प्रमुख के घर पर छापा मारा गया, जहां काफी हथियार छिपे हुए मिले| इन हथियारों के बारे में मोर्चा ने सफाई दी है कि ये पुराने तरीके के परंपरागत शस्त्र हैं, जो एक स्थानीय तीरंदाजी प्रतियोगिता के लिए इकट्ठे किए गए हैं| वैसे भी पुरानी परंपराओं को बनाए रखने के लिए कुछ हथियार रखे जाते रहे हैं| इसका हिंसा से कोई लेना देना नहीं है|
तलाशी से नाराज मोर्चा समर्थकों ने अपने बेमियादी बंद को और तेज कर दिया है| जीजेएम के घर की तलाशी के बाद मोर्चा समर्थकों ने तीन आईपीएस अधिकारियों सिद्धांत गुप्ता, जावेद शमीम और अजय नंदा को घेरकर उनका विरोध भी किया| दार्जिलिंग के एसपी के कार पर पथराव हुआ. पत्थरबाजी में कुछ पुलिस वाले घायल भी हुए हैं. पुलिस के कई वाहन जला दिए गए| वहीं राज्य सरकार ने दार्जिलिंग पहाड़ी क्षेत्र में हिंसा फैलाने वालों के खिलाफ कड़े कदम उठाने की बात कही है| पुलिस हथियारों की बरामदगी करने के साथ ये भी जांच कर रही है कि पहाड़ों पर हथियारों की तस्करी किस तरह हो रही है| पुलिस का कहना है कि स्थानीय लोग बंद के पक्ष में नहीं हैं लेकिन गोरखा मोर्चा के कुछ नेता स्थानीय लोगों को उकसा कर हिंसा को बढावा दे रहे हैं| पुलिस इस तरह के नेताओं पर कड़ी नजर रख रही है|

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