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दाल की बढ़ती कीमतों से मोदी परेशान, आयात करने का निर्देश

pulses-modiनई दिल्ली : बेमौसम बारिश के बाद दाल की कीमतों में आयी तेजी से चिंतित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को भारी मात्रा में दाल आयात करने के निर्देश दिये। इसके अलावा चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए सरकार ने चीनी उद्योग को 6००० करोड़ रुपए का कर्ज देने का फैसला किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज यहां हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सडक परिवहन मंत्री नितिन गडकरी एवं रसायन और उर्वरक मंत्री अनंत कुमार ने संवाददाताओं को यह जानकारी दी। गडकरी ने कहा कि दाल की बढती कीमतों पर प्रधानमंत्री ने गहरी चिंता जतायी है और तत्काल भारी मात्रा में दाल आयात करने के निर्देश दिये हैं। दाल की कमी की वजह से कीमतों में तेजी आयी है। फरवरी और मार्च महीने में बेमौसम बारिश से रबी फसलों को हुये भारी नुकसान के बाद से देश में खाद्य पदार्थों विशेषकर दाल की कीमतों में भारी वृद्धि हुयी है। देश के अधिकांश हिस्से में आम लोगों की थाली से दाल लगभग हट चुकी है और सब्जी की कीमतो में भी बढोतरी हुयी है। पिछले कुछ महीनों में खुदरा बाजार में दाल की कीमत में करीब 25 प्रतिशत की बढोत्तरी हुयी है।
सरकारी आंकडो के अनुसार फरवरी में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा महंगाई में दाल का सूचकांक 118.8 पर था जो अप्रैल में 2.36 प्रतिशत बढकर 121.6 पर पहुंच गया। इसी तरह से थोक मूल्य सूचकांक पर आधारित थोक महंगाई में फरवरी में दाल का सूचकांक 256.9 प्रतिशत पर था जो अप्रैल में 2.8० प्रतिशत बढकर 264.1 पर पहुंच गया। इस बैठक में चीनी मिलों द्वारा गन्ना किसानों की बकाया राशि के भुगतान के लिए सरकार ने चीनी उद्योग को 6००० करोड़ रुपए का कर्ज देने का फैसला किया है। गड़करी ने बताया कि सरकार ने सस्ते ब्याज दर पर यह ऋण देने का फैसला किया है और एक साल तक इसका ब्याज नहीं लिया जाएगा।

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