साल 2019 का रण अब ज्यादा दूर नहीं है। सभी पार्टियां लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज करना चाहती हैं। गुरुवार को कांग्रेस नेता शशि थरूर ने जहां भारत को हिंदू पाकिस्तान बनने की बात कही। वहीं दूसरी ओर पार्टी के वरिष्ठ नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि पाकिस्तान की ही तरह सत्तासीन पार्टी देश में कट्टरवाद को बढ़ावा दे रही है।
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कहा- “कट्टरपंथ की वजह से आतंकवाद पैदा होता है। धार्मिक कट्टरवाद को जिया-उल-हक ने पाकिस्तान में प्रश्रय दिया था, जिसके कारण वहां आतंकवाद पैदा हुआ। भारत में भी सत्तासीन सरकार द्वारा तथाकथित ‘हिन्दुत्व’ के नाम पर धार्मिक कट्टरवाद को बढ़ावा दिया जा रहा है, जो उतना ही खतरनाक है।”
दिग्विजय से पहले कांग्रेस सांसद और केंद्रीय मंत्री रहे शशि थरूर ने कहा था कि यदि भाजपा लोकसभा में इसी बहुमत के साथ दोबारा सत्ता में आई, तो हमारा संविधान नहीं बचेगा क्योंकि तब वह लोकतांत्रिक संविधान जैसा हम समझते हैं उसे नष्ट कर देगी और एक नया संविधान लिखेगी। उसके बाद वह हिंदू राष्ट्र बनाएगी, जिससे अल्पसंख्यकों की बराबरी का हक छिनेगा जैसा कि पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ होता है। इस तरह यह वह भारत नहीं रहेगा, जिसके लिए महात्मा गांधी, नेहरू, सरदार पटेल, मौलाना आजाद ने आजादी की लड़ाई लड़ी थी।’
अपने बयान पर बाद में थरूर ने फेसबुक पर सफाई देते हुए कहा था कि मैंने पहले भी कहा है कि भाजपा और आरएसएस के हिंदू राष्ट्र का विचार पाकिस्तान का प्रतिबिंब है। पूर्व राष्ट्रपति हामिद अंसारी ने थरूर के बयान का समर्थन करते हुए कहा था कि मैंने शशि थरूर का बयान नहीं पढ़ा है, लेकिन वह विद्वान, लेखक और सांसद हैं। उन्होंने जो कुछ भी कहा है अच्छी तरह सोच समझ कर कहा होगा।
थरूर के बयान से खुद को अलग करते हुए कांग्रेस ने अपने सभी नेताओं को बयान देते समय सोच समझ कर शब्दों का चयन करने की नसीहत दी थी। पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा था कि भारत के मूल्य और अधिकार इसकी सभ्यता की असंदिग्ध गारंटी हैं। हालांकि थरूर के बयान का शरद यादव और एनसीपी नेता माजिद मेनन सहित अन्य नेताओं ने बचाव किया था। शरद यादव ने कहा था कि 4 साल से जो काम हो रहा है, कोई भी सोचेगा कि वह हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए हो रहा है। वहीं मेनन का कहना था कि सांसद के बयान का गलत अर्थ निकाला जा रहा है।