ज्ञान भंडार
दिग्विजय सिंह मानहानि मामले में जमानत कराने पहुंची उमा भारती
भोपाल। कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव दिग्विजय सिंह की ओर से दायर मानहानि मामले में केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उभा भारती सोमवार को कोर्ट में पेश हुईं। उनके खिलाफ 29 सितंबर को गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, जिसे भोपाल कोर्ट ने निरस्त कर दिया है।
उमा भारती करीब 11 बजे के बाद सीजेएम भूभास्कर यादव की कोर्ट में पहुंचीं थीं। लेकिन श्री यादव के अवकाश पर चले जाने के कारण सुनवाई एसीजेएम अजय सिंह ठाकुर की कोर्ट में हुई।कोर्ट से लौटने के बाद उमा भारती ने भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया है कि यह नैतिक मूल्यों की बात है। आरोप पत्र बनाने में पूरी टीम थी। मैंने जांच बिठाई थी और सच तक पहुंचना ही मेरा मकसद है। मैं किसी कीमत पर भ्रष्टाचार के मुद्दे पर समझौता नहीं करूंगी। उन्होंने कहा दिग्विजय को मैं तब से जानती हूं, जब मैं आठ साल की थी। देश, तिरंगा, गंगा, गाय और भ्रष्टाचार के मुद्दे पर मैं कोई समझौता नहीं करूंगी।
लालबत्ती लगी गाड़ी से पहुंचीं उमा…
उमा भारती पांच लालबत्ती लगी गाड़ियों के काफिले के साथ कोर्ट परिसर पहुंचीं। इनमें से मुख्य गाड़ी में राष्ट्रध्वज लगा हुआ था। गाड़ियां जैसे ही हूटर बजाते हुए कोर्ट परिसर में घुसीं, लोगों की निगाहें उस ओर उठ गईं। दरअसल, उमा भारती इस मामले में आरोपी हैं। लिहाजा, उनका यूं कोर्ट पहुंचना सवाल उठा गया। कोर्ट से निकलने के बाद उमा भारती ने कहा कि दिग्विजय सिंह से कोई समझौता नहीं करेंगी। उन्होंने कहा कि गाय, गरीब, महिला और भ्रष्टाचार पर समझौता नहीं करूंगी।
उमा ने कहा था, दिग्विजय ने 15 हजार करोड़ का घोटाला किया है
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव के दौरान आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह ने 15 हजार करोड़ का घोटाला किया है। लेकिन वे अब तक इस आरोप को साबित करने के लिए एक भी प्रमाण पेश नहीं कर पाईं। गौरतलब है कि उमा भारती ने अगस्त, 2015 में भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने ये आरोप दिग्विजय पर पार्टी द्वारा चुनाव के दौरान प्रकाशित पुस्तक के आधार पर लगाए थे।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री उमा भारती ने वर्ष 2003 में विधानसभा चुनाव के दौरान आरोप लगाया था कि दिग्विजय सिंह ने 15 हजार करोड़ का घोटाला किया है। लेकिन वे अब तक इस आरोप को साबित करने के लिए एक भी प्रमाण पेश नहीं कर पाईं। गौरतलब है कि उमा भारती ने अगस्त, 2015 में भोपाल में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि उन्होंने ये आरोप दिग्विजय पर पार्टी द्वारा चुनाव के दौरान प्रकाशित पुस्तक के आधार पर लगाए थे।
उन्होंने यह कह कर चौंका दिया था कि उस समय कैलाश जोशी भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और कप्तान सिंह सोलंकी संगठन महामंत्री थे। दिग्विजय के खिलाफ लाए गए आरोप-पत्र में पूरी पार्टी की भूमिका और सहमति थी। जबकि मानहानि का मुकदमा केवल उनके खिलाफ बनाया गया। उमा भारती ने यह भी कहा था कि वे दिग्विजय सिंह से सार्वजनिक रूप से अपील करती हैं कि मानहानि का मुकदमा वापस लें।
अपना पक्ष रखने नहीं आई थीं…
कोर्ट ने इस मामले में 29 सितंबर, 2016 को अपना पक्ष रखने उमा भारती को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुईं। इससे पहले भी कोर्ट उन्हें कई बार इस बारे में बुला चुका था। लिहाजा, कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
कोर्ट ने इस मामले में 29 सितंबर, 2016 को अपना पक्ष रखने उमा भारती को कोर्ट में हाजिर होने को कहा था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुईं। इससे पहले भी कोर्ट उन्हें कई बार इस बारे में बुला चुका था। लिहाजा, कोर्ट ने उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था।
कल ग्वालियर में बोली थीं उमा भारती
केन्द्रीय जल संसाधन, गंगा सफाई मंत्री उमा भारती ने रविवार को ग्वालियर में लोधी समाज के एक कार्यक्रम को संबोधित किया था। यहां उन्होंने नेताओं के विरोध में भीड़ के बीच से जूता और स्याही फेंकने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की बात कही हैं। उन्होंने कहा कि हमने सरकार को सुझाव दिया था कि ऐसा कृत्य करने वालों का तो मलीदा बना देना चाहिए, फिर बाद में जो हो देखा जाएगा।