दिल्ली: अब तक नहीं मिला मार्च का वेतन, दो महीने से कर रहे है इंतजार
नई दिल्ली: शिक्षकों और कर्मचारियों के लिए कोरोना संकट से निपटना अब मुश्किल हो रहा है। क्योंकि, इन कॉलजों के लिए दिल्ली सरकार की ओर से मिलने वाला अनुदान नियमित रूप से जारी नहीं किया जा रहा है। 11 अप्रैल तक भी शिक्षकों को मार्च का वेतन नहीं मिल पाया है। शिक्षकों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी से वेतन की गुहार लगाई है। दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद के पूर्व सदस्य डॉ. एके भागी व वर्तमान सदस्य डॉ. वीएस नेगी ने मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष को पत्र लिखकर अनुदान राशि की मांग की है।
उन्होंने कहा कि पहले कॉलेजों में प्रबंध समिति नहीं बनने के कारण वेतन रोका गया था। आरोप लगाया कि अब विश्वविद्यालय द्वारा प्रबंध समितियों के सदस्यों के नामों पर मुहर लगने के बाद सरकार इन समितियों पर अपना कब्जा चाहती है।
इसके लिए कभी कॉलेज के प्रिंसिपलों पर दबाव बनाया जा रहा है, तो कभी शिक्षकों का वेतन रोककर उन्हें परेशान किया जा रहा है। कई कॉलेजों में तदर्थ शिक्षकों को 2019 ग्रीष्मावकाश का वेतन भी नहीं दिया गया है।
दो माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं निगम कर्मचारी
वहीं उत्तरी दिल्ली नगर निगम के कर्मचारी भी बीते दो माह से बिना वेतन के काम कर रहे हैं। इनमें स्वच्छता कर्मचारियों से लेकर डॉक्टर व अन्य अधिकारी भी शामिल हैं। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी पेंशन नहीं मिली है। इस संबंध में निगम ने दिल्ली सरकार से एक हजार करोड़ रुपये की एकमुश्त राशि की मांग की है।
निगम कर्मचारियों को सिर्फ जनवरी माह का ही वेतन मिला है। वहीं, सेवानिवृत्त कर्मचारियों को भी जनवरी तक की पेंशन मिली है। फरवरी और मार्च का वेतन और पेंशन अभी बकाया है। ऐसे में लॉकडाउन के दौरान निगम कर्मचारियों को खर्च चलाना मुश्किल हो गया है।
इस संबंध में जब निगम आयुक्त वर्षा जोशी से बात की गई तो उन्होंने कहा कि निगम आर्थिक संकट से जूझ रहा है। सरकार की ओर से निगम को पैसा नहीं मिला है। यदि पैसा मिलता तो कर्मचारियों को भुगतान किया जाता। वहीं, महापौर अवतार सिंह ने कहा कि निगम ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को वीडियो कांफ्रेंसिंग और पत्र के जरिये एक हजार करोड़ की एकमुश्त राशि की मांग की है।
पर्याप्त मात्रा में है पीपीई किट
महापौर ने बताया कि अभी निगम के पास पीपीई किट समुचित मात्रा में उपलब्ध हैं। वहीं, विभिन्न एजेंसियों की ओर से दी जाने वाली मदद भी ले रहे हैं। लेकिन, यदि हमें पैसा नहीं मिला तो भविष्य में परेशानी हो सकती है।