एजेंसी/ नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों की सदस्यता को लेकर चुनाव आयोग आज अहम फैसला सुना सकता है। इन विधायकों की सदस्यता पर संसदीय सचिव बनाए जाने के बाद से खतरा मंडरा रहा है। चुनाव आयोग ने ‘आप’ के उन 21 विधायकों को नोटिस भेजकर स्थिति स्पष्ट करने को कहा था, जिन्हें दिल्ली सरकार ने संसदीय सचिव के पद पर नियुक्त किया था। चुनाव आयोग ने संवैधानिक प्रावधान न होने के बावजूद भी संसदीय सचिव बनाए जाने पर 21 विधायकों से जवाब मांगा था।
केंद्र ने जताई थी आपत्ति
विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में आपत्ति जताई थी। केंद्र का कहना है कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा। 21 विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।
दिल्ली सरकार ने किया था ये बदलाव
बता दें कि दिल्ली सरकार ने दिल्ली असेंबली रिमूवल ऑफ डिस्क्वॉलिफिकेशन एक्ट-1997 में संशोधन किया था। इस विधेयक का मकसद संसदीय सचिव के पद को लाभ के पद से छूट दिलाना था, जिसे राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने नामंजूर कर दिया था।