दस्तक टाइम्स/एजेंसी- नई दिल्ली: फर्ज कीजिए कि आप सुबह-सुबह अपनी पसंदीदा ब्राउन ब्रेड का सीलबंद पैकेट खोलें और उसमें से चूहा निकले. सोचकर ही घिन्न होती है. लेकिन देश के प्रीमियम मेडिकल संस्थान नई दिल्ली के एम्स में ऐसा ही हुआ. ब्रेड बॉन न्यूट्रीएंट्स की थी. इस कंपनी की ब्रेड पर एम्स ने तीन साल के लिए प्रतिबंध लगा दिया है.
एक दिन पहले तक यह ब्रेड एम्स में भर्ती होने वाले हजारों मरीजों को दी जाती थी. डॉक्टरों के मुताबिक यदि चूहे के इंफेक्शन वाली चीजें पेट में चली जाएं तो आम तौर पर इससे एलर्जी, बुखार, डायरिया होता है. इससे खून में इंफेक्शन और मेनिंजाइटिस भी हो सकता है.
24 जुलाई की घटना, सामने अब आई
घटना 24 जुलाई की है. एम्स ने उसी दिन नोटिस जारी कर ब्रेड कंपनी को अगले तीन साल तक एम्स में ब्रेड सप्लाई करने से बैन कर दिया था. मेल टुडे के पास इस नोटिस की कॉपी है. एम्स ने कंपनी को 9 सिंतबर को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला.
कंपनी ने कहा, एम्स के खिलाफ जाएगी कोर्ट
कंपनी ने एम्स के आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया. कंपनी ने एम्स के खिलाफ कोर्ट जाने की बात भी कही है. कंपनी ने कहा कि उसे इस तरह का कोई भी नोटिस नहीं मिला है.
भारत की साख को धक्का
ऐसे समय में जब नेस्ले इंडिया के मैगी पर प्रतिंबध लगा है, एम्स जैसे संस्थान में ऐसी घटना से भारत की साख को धक्का लगा है. यूएस फूड एंड ड्रग्स एसोसिएशन की वेबसाइट पर उपलब्ध डाटा के मुताबिक इस संस्था ने पिछले पांच महीनों में भारत से आयात होने वाले उत्पादों पर सबसे ज्यादा रोक लगाई है. क्योंकि भारत से अमेरिका जाने वाले उत्पादों में पेस्टीसाइड और बैक्टीरिया ज्यादा मात्रा में मिले थे.