नई दिल्ली : मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट मामले में तैयार की गई चार्जशीट में उत्तरी जिला पुलिस ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के तत्कालीन सलाहकार वीके जैन को ही मुख्य चश्मदीद गवाह बनाया है। वीके जैन ने अपने बयान में आम आदमी पार्टी के विधायक अमानतुल्लाह खां व प्रकाश जारवाल द्वारा मुख्य सचिव को गला दबाकर सात थप्पड़ व घूसे मारने की बात कही थी। उन्होंने कहा था कि अंशु प्रकाश की जब पिटाई की जाने लगी थी, तब उनका चश्मा जमीन पर गिर गया था। पुलिस के अनुसार, जैन के माध्यम से ही केजरीवाल ने मुख्य सचिव को सुबह से देर रात तक बार-बार फोन करवाकर बैठक के बहाने अपने आवास पर बुलाया था। दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मारपीट मामले में पुलिस ने सबूतों के आधार पर जिस तरीके से मजबूत चार्जशीट तैयार की है, वह सरकार के लिए गले की फांस बन सकती है। पुलिस अधिकारी के मुताबिक, इस केस का सबसे मजबूत सबूत सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी वीके जैन का बयान है। गौरतलब है कि 19 फरवरी की आधी रात 12 बजे केजरीवाल के सिविल लाइंस स्थित आवास पर मुख्य सचिव के साथ हुई बदसुलूकी व मारपीट की घटना के बाद 21 फरवरी की सुबह सिविल लाइंस थाना पुलिस ने वीके जैन से पूछताछ की थी। पहले तो उन्होंने पुलिस को गुमराह करने की कोशिश की, लेकिन दिल्ली पुलिस ने अगले दिन 22 फरवरी को मजिस्ट्रेट के सामने बंद कमरे में उनका धारा-164 के तहत बयान दर्ज करवा दिया था, ताकि वह सबकुछ सच बता सकें। मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान में उन्होंने घटना की पूरी घटना उजागर कर दी थी। तभी पुलिस ने उन्हें केस का मुख्य चश्मदीद गवाह बना लिया था। पुलिस अधिकारी का कहना है कि केजरीवाल ने वीके जैन के जरिये ही बार-बार फोन करवाकर मुख्य सचिव को देर रात 12 बजे अपने आवास पर बुलवाया था। वीके जैन के सामने सारी घटना घटी थी। पुलिस को लगता है कि घटना का कोई चश्मदीद अगर जांच में सहयोग नहीं कर रहा है, सच्चाई नहीं बता रहा है तो मजिस्ट्रेट के सामने उसका बयान दर्ज करवा दिया जाता है। पुलिस अधिकारी के अनुसार, मुख्य सचिव से केवल मुख्यमंत्री व उपमुख्यमंत्री ही पूछताछ कर सकते हैं और उन्हें बैठक के लिए बुला सकते हैं, लेकिन इस केस में मुख्य सचिव को बुलाने के बाद केजरीवाल ने उन्हें विधायकों के सवालों के जवाब देने के लिए कहा था। विधायकों का उनसे सवाल करना भी नियम के खिलाफ था। उन्हें सोफे पर दो विधायकों के बीच में बैठाना भी गलत था। ज्ञात हो कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी व मारपीट मामले में पुलिस आम आदमी पार्टी के 11 विधायकों के अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को भी आरोपित बनाएगी। पुलिस ने चार्जशीट तैयार कर ली है और एक सप्ताह के अंदर तीस हजारी कोर्ट में इसे दायर कर देगी। मुख्य सचिव अंशु प्रकाश के साथ बदसुलूकी में आरोपित देवली से आम आदमी पार्टी के विधायक प्रकाश जारवाल द्वारा कोर्ट की निगरानी में जांच कराए जाने की मांग को लेकर दायर याचिका पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दी है। एडिशनल चीफ मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट समर विशाल ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि इस मामले में याची के आरोपित होने के कारण उसे यह मांग करने का अधिकार नहीं है।वकील इरशाद के जरिये दायर याचिका में जारवाल ने पुलिस पर शिकायतकर्ता (मुख्य सचिव) और उपराज्यपाल के प्रभाव में जांच करने का आरोप लगाया था और पूछताछ के दौरान दर्ज बयानों के साथ छेड़छाड़ की आशंका जाहिर की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि डीसीपी हरिंदर सिंह मुख्य सचिव और उपराज्यपाल के प्रभाव में काम कर रहे हैं। प्रकाश जारवाल के अलावा कोर्ट ने संबंधित मामले में ही मुख्यमंत्री की ओर से दायर वह अर्जी भी खारिज कर दी, जिसमें उन्होंने जांच अधिकारी पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया था।