नई दिल्ली। दामिनी के साथ इंसाफ करते हुए साकेत कोर्ट ने चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाई। दिल्ली गैंगरेप मामले में कोर्ट के फैसले से पीड़िता के परिवार सहित हर आम आदमी ने राहत की सांस ली । बचाव पक्ष की तमाम दलीलों को खारिज करते हुए कोर्ट ने दामिनी को न्याय दिया। रेप कर बेखौफ घूमने वाले दरिंदों के लिए यह फैसला नजीर बनेगा।
कोर्ट ने मामले को रेयरेस्ट ऑफ द रेयर मानते हुए यह फैसला सुनाया। पीड़िता के माता-पिता और तमाम लोगों की मौजूदगी में जज योगेश खन्ना ने फांसी की सजा सुनाई। जज ने दोषियों को फांसी की सजा नहीं देने की बचाव पक्ष की मांग को ठुकराते हुए जज ने यह फैसला सुनाया। फांसी का फैसला सुनते ही दोषियों के आंसू निकल आए।
साकेत कोर्ट ने मुकेश शर्मा,विनय शर्मा, पवन गुप्ता और अक्षय ठाकुर को रेप, हत्या, साजिश सहित 13 धाराओं में दोषी करार दिया था। बुधवार को बहस पूरी होने के बाद फैसला शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया था। पुलिस ने भी चारों दोषियों के लिए फांसी की सजा की मांग की थी।
कड़ी सुरक्षा के बीच फैसला
बहुप्रतीक्षित फैसले के मद्देनजर कोर्ट के आसपास कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था कोर्ट की तरफ वाले दोनों रास्तों पर बैरिकेडिंग की गई थी। सिर्फ उन्ही लोगों को कोर्ट के अंदर जाने दिया गया जिनके केस हैं या कोर्ट के कर्मचारी है या फिर वकील हैं। हर आदमी की तलाशी ली गई। इसके अलावा वीडियो रिकार्डिंग भी की गई।
132 बार बैठी अदालत, 85 गवाह हुए पेश
इस मामले में फैसला आने में 8 महीने 28 दिन का समय लगा। इसके लिए 132 बार अदालत बैठी और सुनवाई पूरी होने के बाद 3 सितंबर को कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। इस केस में अभियोजन पक्ष की ओर से कुल 85 गवाह पेश किए गए, जिनमें सबसे अहम रहा घटना का चश्मदीद और पीड़ित लड़की का दोस्त।
क्या हुआ था उस रात
देश को हिला कर रख देते वाली यह वारदात 16 दिसंबर, 2012 की सर्द रात की है। लड़की अपने दोस्त के साथ ‘लाइफ ऑफ पाई‘ फिल्म देखकर निकली थी और मुनिरका से अपने दोस्त के साथ चार्टर्ड बस में चढ़ गई। इस बस में सवार छह दरिंदों ने उसके साथ कई बार गैंगरेप किया और बाद में बेसुध हालत में उसको उसके दोस्त के साथ सड़क पर फेंक दिया। आरोपियों ने सड़क पर फेंकने के बाद दोनों को कुचलकर मारने का भी प्लान बनाया था।
नाबालिग की सजा से नहीं है संतोष
इस सनसनीखेज वारदात में छठे नाबालिग आरोपी को दोषी मानते मानते हुए ज्यूवेनाइल जस्टिस बोर्ड ने 3 साल तक बाल सुधार गृह भेज दिया। इसकी सजा से कोई संतुष्ट नहीं है। जबकि इसी ने सबसे ज्यादा दरिंदगी की थी। इस वारदात के महज 19 दिन बाद 2 जनवरी को दिल्ली पुलिस ने चार्जशीट दाखिल कर दी। पुलिस ने इस मामले में कुल 6 आरोपी बनाए जिनमें से मुख्य आरोपी राम सिंह ने इसी साल 11 मार्च को तिहाड़ जेल में आत्महत्या कर ली थी।
कौन-कौन सी धाराएं लगीं?
– धारा 302 यानि हत्या की धारा, इसमें उम्रकैद से फांसी तक की सजा है।
– 376(2) यानि गैंगरेप- इसमें 10 साल से लेकर उम्रकैद की सजा है।
– धारा 307 यानि हत्या की कोशिश- इसमें 10 साल कैद की सजा है।
– धारा 394 यानि लूट और चोट पहुंचाना- इसमें 10 साल कैद है।
– धारा 395 यानि डकैती- इसमें उम्रकैद का प्रावधान है।
– धारा 386 डकैती के साथ हत्या- इसमें उम्रकैद या फांसी का प्रावधान है।