नई दिल्ली: दिल्ली चुनाव प्रचार का दौर अब खत्म हो चुका है। अब वोटिंग के जरिए चुनावी मैदान में उतरे उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम में बंद होने की बारी है। 7 फरवरी (कल) को दिल्ली में 70 सदस्यीय विधानसभा के लिए मतदान होना है। चुनाव में तीन मुख्य पार्टियां आम आदमी पार्टी (आप), भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस के बीच मुकाबला है। लेकिन सर्वे के मुताबिक मुख्य मुकाबला आप और बीजेपी में है। दिल्ली में 1.3 करोड़ मतदाता शनिवार को 673 प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला ईवीएम में दर्ज करेंगे। मतदान सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक चलेगा। चुनाव परिणाम की घोषणा 10 फरवरी को होगी। मतदान को शांतिपूर्ण और निष्पक्ष ढंग से संपन्न कराने के लिए अभूतपूर्व सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी चन्द्र भूषण कुमार के मुताबिक 95 हजार सरकारी कर्मचारियों को तैनात किया गया है। सुरक्षा के अभूतपूर्व इतंजाम किए गए हैं ।
दिल्ली में मतदाताओं की संख्या एक करोड 33 लाख नौ हजार 78 है। इसमें 73 लाख 87 हजार 89 पुरूष, 59 लाख 19 हजार 989 महिला और 862 तीसरे लिंग के मतदाता हैं। उन्होंने बताया कि 18 से 19 वर्ष के मतदाता जो पहली बार मतदान का इस्तेमाल करेंगे उनकी संख्या दो लाख 27 हजार 316 है। इस बार के मतदान में तीन हजार 111 मतदाता ऐसे हैं जिनकी आयु 100 वर्ष से ऊपर है। उन्होंने बताया कि 2530 मतदान परिसरों में 12177 पोलिंग स्टेशन बनाये गए हैं । चुनाव में 673 उम्मीदवार मैदान में है । नवम्बर 2013 में हुए चुनाव में यह संख्या 810 थी। गौर हो कि वर्ष 2013 के चुनाव में त्रिशंकु विधानसभा बनी थी, जिसमें भाजपा को सर्वाधिक 31 सीटें मिलीं और आप 28 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर थी। कांग्रेस 43 सीटों से घटकर 8 सीटों तक सिमट गई थी। त्रिशंकु विधानसभा के बीच आम आदमी पार्टी ने जनता की राय लेने के बाद कांग्रेस के बाहरी समर्थन से सरकार बनाई थी, लेकिन विधानसभा में जन लोकपाल विधेयक को कांग्रेस ने समर्थन नहीं दिया। आखिरकार मुख्यमंत्री केजरीवाल ने 14 फरवरी 2014 को इस्तीफा दे दिया था। केजरीवाल के इस्तीफे के बाद 17 फरवरी से यहां राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था।