दिल्ली पुलिस में इंस्पेक्टर का परिवार कार सहित नहर में गिरा, किसान ने बचाई जान
उत्तर प्रदेश के मेरठ में एक किसान उस समय हीरो बन गया, जब उसने दिल्ली में तैनात एक पुलिस इंस्पेक्टर, उसकी पत्नी और बेटे की जान बचाई। इंस्पेक्टर अपनी पत्नी और बेटे के साथ एक कार से गाजियाबाद जा रहे थे। दुर्घटनावश उनकी कार नहर में जा गिरी। उसी वक्त किसान बलराम सिंह ने खुद की जान की परवाह ना करते हुए दोनों को मौत के मुंह में जाने से बचा लिया।
कार नहर में डूब रही थी
कार बंद थी और वह नहर में डूबती जा रही थी। यात्री जान बचाने के लिए फड़फड़ा रहे थे। तभी पथौली निवासी किसान बलराम सिंह (28) अपनी मोटरसाइकल पर सवार होकर वहां से गुजर रहे थे। उनकी नजर डूबती कार पर पड़ी। उन्होंने वहां से गुजर रहे दूसरे वाहन को रोका। उस वाहन में रस्सी थी, जिसे लटकाकर बलराम नहर में कूद गए।
बलराम ने बताया कि उनकी आंखों के सामने कार नहर की दीवार से टकराई और दीवार तोड़ते हुए नहर में जा गिरी। उन्होंने देखा कि कार गिरने के बाद जैसे-तैसे तीन लोग बाहर तो निकल आए, लेकिन वे तैर नहीं पा रहे थे। वह जानते थे कि नहर 12 फीट गहरी है। ऐसे में उन्हें पता था कि कार सवार नहर में डूब सकते हैं। इसलिए उन्होंनेडूब रहे लोगों को बचाने का फैसला लिया।
पास से गुजर रहे वाहन से रस्सी मांगी उसे नहर में डाली और डूब रहे लोगों को नहर के किनारे तक ले आए। रोहता के थानाध्यक्ष सुभाष अतरी ने बताया कि जब उन लोगों को जानकारी मिली तो मौके पर पहुंचे। बलराम ने उन लोगों को तब तक नहर के बाहर निकाल लिया था। बाद में क्रेन बुलाकर नहर से कार बाहर निकलवाई गई। बलराम के सही समय पर उठाए गए अच्छे कदम से दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी का परिवार आज जिंदा है।
बुधवार को डिविजनल कमिश्नर प्रभात कुमार बलराम से मिले और उनकी प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि बलराम ने बहुत ही साहसिक काम किया है। वह उन्हें सम्मानित करने के लिए सरकार से सिफारिश करेंगे।
यह पहली घटना नहीं थी जब नहर में कोई कार गिरी हो। इससे पहले मार्च 2017 में एक कार नहर में गिरने से महिला की मौत हो गई थी। फरवरी 2016 में एक आर्मी का ट्रक नहर में गिर गया था, लेकिन सभी 6 जवानों की जान बचा ली गई थी।