
दयालबाग (सूरजकुंड) स्थित एक फ्लैट में चार भाई-बहनों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। फ्लैट से बदबू आने पर शनिवार सुबह करीब साढ़े सात बजे घटना का खुलासा हुआ। पुलिस दरवाजा तोड़कर घर में दाखिल हुई तो अलग-अलग जगह शव पंखे से बंधे फंदे से लटके मिले। मृतक इसाई समुदाय से हैं। मौके से मिले सुसाइड नोट में माता, पिता और छोटे भाई की मौत व आर्थिक तंगी के कारण खुदकुशी करने की बात कही है। सुसाइड नोट के आधार पर आत्महत्या 18 अक्तूबर को की गई।
फरीदाबाद: फरीदाबाद के दयालबाग इलाके में एक परिवार के चार लोगों द्वारा फांसी लगाकर जान देने की घटना से कुछ समय पहले दिल्ली के बुराड़ी इलाके में हुए सामूहिक आत्महत्या कांड की याद एक बार फिर ताजा हो गई है। दयालबाग इलाके में सी स्थित ब्लॉक अग्रवाल अपार्टमेंट में एक परिवार के चार लोगों ने फांसी लगाकर जान दे दी। मृतकों में एक भाई व उसकी तीन बहन शामिल हैं, जो कि ईसाई समुदाय से संबंध रखते थे। इनकी पहचान मीना मैथ्यूस (42), बीना मैथ्यूस (40), जया मैथ्यूस (39) और उनके भाई प्रदीप मैथ्यूस (37) के रूप में हुई है। पुलिस को चारों के शव कमरों में अलग-अलग पंखे से लटके मिले। पुलिस को गैलरी में से एक सुसाइड नोट मिला, जिसमें लिखा है कि हम मम्मी, पापा और छोटे भाई संजू के बिना जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते। इसके चलते हम चारों भाई-बहनों ने जान देने का फैसला किया है। इस सुसाइड नोट में पूरे लेन देन का जिक्र करते हुए साफ कहा है कि पूछताछ के नाम पर किसी को भी परेशान न किया जाए। सुसाइड नोट में परिवार के सभी लोगों ने आत्महत्या करने पर अपनी सहमति जताई थी। इसका खुलासा सुसाइड नोट में सभी की ओर से किए गए हस्ताक्षरों से लगाया जा सकता है। परिवार के एक साथ चार लोगों की ओर से आत्महत्या किए जाने की घटना ने बुराडी कांड की याद दिला दी। सुसाइड नोट भी यह भी लिखकर अंतिम इच्छा जताई थी कि उनका अंतिम संस्कार बुराड़ी में ही किया जाए। सुसाइड नोट में सेक्टर-28 चर्च के फादर की ओर से की गई मदद का भी जिक्र किया गया है। फादर रवि कोटा ने बताया कि 22 अगस्त 2018 को इनका रजिस्ट्रेशन किया गया था। इससे पहले इनका कहीं भी रजिस्ट्रेशन नहीं किया गया था। फादर रवि कोटा व आरपी जोशी ने बताया कि इन बच्चों के पिता व माता का अंतिम संस्कार भी दिल्ली के बुराड़ी कब्रिस्तान में ही हुआ है। इसक चलते इन्होंने सुसाइड नोट में इस कब्रिस्तान का जिक्र किया है। जानकारी के अनुसार, शनिवार सुबह पड़ोसियों ने दयालबाग चौकी पुलिस को इस मकान के अंदर से बदबू आने की सूचना मिली। इसके बाद चौकी इंचार्ज रणधीर पुलिस और फॉरेसिंक टीम को साथ लेकर मौके पर पहुंचे। घर चारों तरफ से बंद था। बदबू इतनी ज्यादा थी कि पुलिसकर्मियों को मुंह पर रूमाल रखकर उस परिसर में जाना पड़ा। दरवाजा तोड़कर पुलिस घर में अंदर घुसी। जहां परिवार के चारों सदस्यों को पंखे से लटके देख सभी दंग रह गए। दरवाजे की गैलरी में दो बहनों ने फांसी का फंदा लगा रखा था। वहीं उनके भाई प्रदीप और एक बहन ने दो अलग-अलग कमरों में फांसी लगा रखी थी। कमरे में फर्श पर खून बिखरा हुआ था, जो कमरे से बाहर निकलकर बह रहा था।
फिलहाल पोस्टमार्टम के लिए शवों को बीके सिविल अस्पताल में रखवाया है। दयालबाग चौकी प्रभारी रणधीर सिंह ने बताया कि मूलरूप से केरल निवासी जेजे मैथ्यू का परिवार करीब पांच माह पहले सी-31 दयालबाग की अग्रवाल सोसाइटी में किराए पर रहने आया था। इससे पहले यह परिवार पिछले कई सालों से फरीदाबाद में रह रहा था। इनके घर के पास में ही एक प्ले स्कूल चलता है। सुबह जब स्कूल प्रबंधन के लोग आए तो वहां तेज बदबू आ रही थी और मैथ्यू परिवार के घर के गेट के बाहर खून फैला था। कुछ ही देर में पुलिस पहुंची और घर में घुसी तो देखा एक कमरे में महिला का शव फंदे से लटका था। जेजे मैथ्यू व उनकी पत्नी एग्नेस मैथ्यू हरियाणा पर्यटन निगम के पांच सितारा होटल राजहंस में काम करते थे और सेवानिवृत्त हो चुके थे। इनके पांच बेटे-बेटियां थे। पुलिस के अनुसार गत अप्रैल में जेजे मैथ्यू और जुलाई में उनकी पत्नी की मौत हो गई थी। इसके बाद अगस्त में सबसे छोटे बेटे संजू की भी एक हादसे के बाद मौत हो गई। पांच माह में ही परिवार के तीन सदस्यों की मौत के बाद बेटी मीना, बीना व जया और बेटा प्रदीप तनाव में थे। बीना किडनी के रोगी थी और डायलिसिस पर चल रही थी। जांच में पता चला कि जेजे मैथ्यू के किसी बेटे-बेटी की शादी नहीं हुई थी और उनके पास कोई राजगार भी नहीं था। प्रदीप ने कुछ समय के लिए एक फैक्ट्री में काम किया, लेकिन वो अब छोड़ चुका था। माता-पिता की मौत के बाद परिवार की आर्थिक हालत और खराब हो गई थी। पुलिस ने आसपास के लोगों से बात की, लेकिन इनके किसी रिश्तेदार के बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। परिवार सेक्टर-28 स्थित सेंट एंड्रयूज चर्च के पादरी फादर रवि कोटा के संपर्क में था। इस पर पुलिस ने उन्हें बुलवाया और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया।