सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को एक असाधारण घटना घटी. मुख्य न्यायाधीश एचएल दत्तू की अध्यक्षता वाली बेंच दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण पर दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी. एमिकस क्यूरे थे वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे. साल्वे ने दलील शुरू की तो अपने घर की बात करने लगे. बोले- मेरी पत्नी को अस्थमा है. मेरी बेटी को अस्थमा है. मुझे पहली बार अभी कुछ ही दिन पहले इस प्रदूषण के चलते गोलियां खानी पड़ी.
साल्वे की बातें सुन एचएल दत्तू भी बोल पड़े. कहने लगे- इस प्रदूषण के चलते ही मेरा पोता मास्क पहनकर बाहर निकलता है. फिर बोले- यह गंभीर मसला है. यह ऐसा केस है जिसकी रिपोर्टिंग अखबारों को फ्रंट पेज पर करनी चाहिए. याचिका हरीश साल्वे ने ही लगाई है.
केंद्र, दिल्ली सरकार को नोटिस, दो दिन में मांगा जवाब
कोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी किया है. दो दिन के भीतर जवाब मांगा है. मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी. कोर्ट ने कहा कि हमें पॉजिटिव रेस्पॉन्स चाहिए.
याचिका में यह मांग
याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट केंद्र, दिल्ली सरकार और एमसीडी को निर्देश दे कि दिल्ली में आने वाली हल्की कमर्शियल गाड़ियों से टोल के अतिरिक्त कम से कम 600 रुपये और भारी कमर्शियल गाड़ियों से कम से कम 1200 रुपये प्रदूषण हर्जाने के रूप में लिया जाए.
इसलिए खराब है दिल्ली की हवा
अर्जी में कहा गया है एमसीडी कहती है दिल्ली में रोजाना 22,628 कमर्शियल गाड़ियां दाखिल होती हैं. जबकि प्राइवेट सर्वे कहता है कि यह संख्या 33,588 है. यानी बाकी गाड़ियां बिना टोल दिए दाखिल हो रही हैं. अगर इनसे पर्यावरण टैक्स वसूला जाए तो इस रकम से दिल्ली में पर्यावरण को बेहतर बनाने के लिए कई कदम उठाए जा सकते हैं.