दस्तक टाइम्स/एजेंसी
नई दिल्ली: दिल्ली में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या को रोकने के लिए एनजीटी ने आज आदेश देते हुए कहा कि दिल्ली में कोई भी सरकारी वाहन डीजल ना हो, डीजल से चलने वाले सभी सरकारी वाहनों का रजिस्ट्रेशन बंद हो। इसके साथ ही नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने आज दिल्ली सरकार की ऑड ईवन स्कीम पर सवाल उठाए। एनजीटी ने योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस योजना से सड़क पर गाडिय़ों की संख्या बढ़ सकती है। लोग दो गाडिय़ां खरीदने के लिए भी विचार कर सकते हैं। एक ऑड नंबर वाली और एक ईवन नंबर वाली।एनजीटी ने कहा, ऑड ईवन फॉर्मूले को लेकर दिल्ली सरकार का प्लान क्या है? एनजीटी ने सवाल किया कि पहले दिल्ली सरकार ने कहा था कि वाहनों से सबसे ज्यादा प्रदूषण नहीं होता तो फिर ये फॉर्मूला क्यों लाया जा रहा है। एनजीटी ने सख्ती से कहा है कि 10 से अधिक पुराने डीजल वाहन और 15 साल से अधिक पुराने पेट्रोल वाहनों का एनसीआर में रजिस्ट्रेशन न हो। एनजीटी ने कहा कि दिल्ली में बिल्डिंग बनाने का सामान तभी आए जब वह पूरी तरह ढंका हो। इसके साथ ही एनजीटी ने कहा कि 7 अलग-अलग मुद्दों पर निर्देश देने के बाद भी दिल्ली के प्रदूषण में कमी नहीं आई।केजरीवाल सरकार का ऑड-ईवन फार्मूला सुबह आठ से रात को आठ बजे तक लागू होगा। सुबह आठ बजे से पहले और रात को आठ बजे के बाद सभी नंबर की गाडिय़ां सड़क पर चलाने की छूट होगी। यह स्कीम तारीखवार लागू की जाएगी। यानिकी अगर 1 जनवरी को ईवन नंबर जैसे 1, 3, 5, 7, 9 नंबर की गाडिय़ां चलेंगी, तो 2 तारीख को 2, 4, 6, 8, 0 नंबर की गाडिय़ां चलेंगी। रविवार को गाडिय़ों पर ऑइ-ईवन फार्मूला लागू नहीं होगा, यानी सभी नंबर की गाडिय़ां चलेंगी।वाहन निर्माता कंपनियों के संगठन सियाम ने आज कहा कि दिल्ली में कारों के चलाने पर आंशिक प्रतिबंध से राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण का स्तर कम नहीं होगा। सियाम के महानिदेशक विष्णु माथुर ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार के एक दिन सम और एक दिन विषम नंबर वाले वाहनों को प्रतिबंधित करने के फैसले से शहर में हवा की गुणवत्ता में कोई सुधार नहीं होगा।