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मांग को लेकर रामलीला मैदान पर जुटे हजारों किसान

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुए आंदोलन में भागीदारी की है

नई दिल्ली: किसानों को कर्ज मुक्त बनाने और फसल की लागत का डेढ़ गुना न्यूनतम समर्थन मूल्य दिए जाने की मांग को लेकर 2 दिवसीय आंदोलन के पहले दिन गुरुवार को किसानों के साथ डॉक्टर, वकील, पूर्व सैनिक, पेशेवर और छात्रों सहित समाज के तमाम वर्गों के लोगों के समूह रामलीला मैदान में एकत्र हो गए। आज किसान रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक पैदल मार्च निकालने वाले हैं। देश के विभिन्न भागों से दिल्ली के प्रवेश मार्गों पर एकत्र होकर आंदोलनकारियों का रामलीला मैदान तक पैदल और वाहनों से पहुंचने का सिलसिला देर शाम तक जारी रहा। अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले लगभग 200 किसान संगठनों, राजनीतिक दलों और अन्य समाजिक संगठनों से किसानों की मांग का समर्थन करते हुये आंदोलन में भागीदारी की है।

समिति के महासचिव अवीक शाहा और स्वराज इंडिया के संयोजक योगेंद्र यादव की अगुवाई में दक्षिण पश्चिमी दिल्ली के बिजवासन से सुबह शुरू हुई किसान मुक्ति यात्रा लगभग 25 किमी की पदयात्रा कर देर शाम रामलीला मैदान पहुंची। अखिल भारतीय किसान सभा के सचिव अतुल कुमार अंजान सहित संगठन के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी रामलीला मैदान में आंदोलनकारियों के लिए सुविधाओं का लगातार जायजा लेते रहे। अंजान ने बताया कि नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम की ओर से भी किसानों के समूह पैदल और वाहनों से रामलीला मैदान पहुंच रहे हैं। फरीदाबाद की ओर आश्रम होते हुए रामलीला मैदान पहुंच रही किसान मुक्ति यात्रा की अगुवाई सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर और वरिष्ठ पत्रकार पी साईनाथ ने की।

किसानों के समर्थन में आए पूर्व सैनिक

इस बीच, पूर्व सैनिकों के संगठन ने भी किसानों की मांग का समर्थन करते हुए किसान मुक्ति यात्रा में शिरकत की  संगठन के प्रमुख मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिक किसान आंदोलन में दो दिन तक साथ रहेंगे। अंजान ने बताया कि यह पहला अवसर है जब किसानों के समर्थन में डॉक्टर, वकील, शिक्षक, रंगकर्मी और छात्र संगठनों सहित समाज के सभी वर्गों ने भी किसान आंदोलन में हिस्सेदारी की है। साईनाथ की अगुवाई में गठित समूह ‘नेशन फॉर फार्मर्स’के बैनर तले विभिन्न सामाजिक समूहों ने आंदोलन में शिरकत की है। सभी संगठनों के कार्यकर्ता बिजवासन, मजनू का टीला, निजामुद्दीन और आनंद विहार से किसान आंदोलनकारियों के साथ रामलीला मैदान पहुंच गए। 

अंजान ने बताया कि रामलीला मैदान में सरकारी और गैरसरकारी स्तर पर स्वास्थ्य, भोजन और पानी सहित अन्य जरूरी सुविधायें मुहैया कराई जा रही है। लगभग 60 हजार लोगों की क्षमता वाले रामलीला मैदान में एम्स, आरएमएल, लोकनायक, हिंदूराव, अरुणा आसिफ अली अस्पताल सहित दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के करीब 25 से 30 डॉक्टरों ने रामलीला मैदान पर किसानों के लिए एक निशुल्क स्वास्थ्य शिविर आयोजित किया। साथ ही विभिन्न सामाजिक संगठनों की ओर से भोजन और रात के समय सर्दी से बचने के लिए जरूरी कपड़ों की व्यवस्था की गई है।

सुरक्षा के व्यापक इंतजाम

आंदोलन में जुट रही भीड़ को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं। पुलिस ने बताया कि गुरुवार को रामलीला मैदान में पुलिस बल तैनात किया गया है। साथ ही शुक्रवार को रामलीला मैदान से संसद मार्ग तक किसान मार्च मार्ग में भी सुरक्षा और यातायात के विशेष प्रबंध किए गए हैं। पुलिस ने कहा कि किसानों के मार्च के दौरान सड़कों के दोनों तरफ रस्सी होगी और दूसरी तरफ पुलिस तैनात होगी ताकि सुनिश्चित किया जा सके कि यातायात प्रभावित नहीं हो। राजधानी में यातायात प्रभावित ना हो इसके लिए शुक्रवार को 3,500 पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।

जनता से सहयोग की अपील

राजनीतिक कार्यकर्ता और AAP के पूर्व नेता योगेंद्र यादव ने ट्वीट किया है, आज सुबह बिजवासन से महिला किसानों ने हमें दुआ-सलाम किया। वे लोग किसान मुक्ति मोर्चा में भाग लेने के लिए तैयार हैं। यदि आप किसान नहीं हैं, फिर भी हमारे साथ आएं। हमें भोजन देने वालों के साथ हाथ मिलाएं, जय किसान। वहीं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट किया है, पिछले 15 साल में भारत में तीन लाख से भी ज्यादा किसानों ने आत्महत्या की है क्योंकि सरकारें लगातार उन्हें धोखा देती रहीं। कल देश भर से आए एक लाख किसान दिल्ली की ओर कूच करेंगे और फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य तथा कर्ज से मुक्ति की मांग करेंगे। उनके साथ एकजुटता दर्शाते हुए खड़े हों।

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