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दिल्ली में 57 मीट्रिक टन के 3 ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक, कुल क्षमता 171 मीट्रिक टन

नई दिल्ली: दिल्ली के सिरसपुर में 57 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भंडारण क्षमता का क्रायोजेनिक टैंक लगाया जा रहा है। साथ ही यहां 12.5 मीट्रिक टन प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता वाला ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भी स्थापित हो रहा हैं। दिल्ली में 57 मीट्रिक टन के तीन ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक स्थापित किए हैं, जिनकी कुल क्षमता 171 मीट्रिक टन की है।

कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर यह तैयारियों की जा रही हैं। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को सिरसपुर स्थित ऑक्सीजन स्टोरेज डिपो का दौरा किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि दिल्ली में 19 ऑक्सीजन के पीएसए प्लांट लगाए जा चुके हैं और अगले एक-दो दिन में इनका उद्घाटन किया जा सकता है। दिल्ली सरकार कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर अपनी तैयारियां युद्ध स्तर पर कर रही है।

ऑक्सीजन स्टोरेज डिपो का निरीक्षण करने के उपरांत सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि कोरोना की जो दूसरी लहर आई थी, उसमें सबसे ज्यादा दिक्कत ऑक्सीजन की हुई थी। दूसरी लहर में ऑक्सीजन की कमी हो गई थी। इसलिए इसकी तैयारियां जोर शोर से चल रही है कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती भी है, तो दिल्ली के लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सिरसपुर में 57 मीट्रिक टन ऑक्सीजन क्षमता का स्टोरेज टैंक बनाया है। इसी तरह के बाबा साहब डॉ अंबेडकर अस्पताल और डीडीयू अस्पताल में दो ऑक्सीजन स्टोरेज टैंक और बन चुके हैं। दिल्ली में कुल तीन ऑक्सीजन स्टोरेज बनाए गए हैं। प्रत्येक टैंक की ऑक्सीजन स्टोरेज क्षमता 57-57 मीट्रिक टन की है।

इस तरह, दिल्ली में कुल 171 मीट्रिक टन ऑक्सीजन क्षमता के स्टोरेज टैंक बन चुके हैं। सीएम ने कहा कि स्टोरेज टैंक के साथ ही यहां पर ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट भी बनने जा रहे हैं। सिरसपुर में दो ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट बनाए जाएंगे। दोनों की प्रतिदिन ऑक्सीजन उत्पादन क्षमता करीब 12.5 मीट्रिक टन की होगी। इसी तरह, दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में ऑक्सीजन की सुविधा तैयार की जा रही है, ताकि अगर तीसरी लहर आती है, तो लोगों को ऑक्सीजन की कमी नहीं होनी चाहिए।

सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सरकार पूरी दिल्ली के अंदर ऑक्सीजन स्टोरेज, ऑक्सीजन उत्पादन की सुविधा बढ़ा रही है। इस बार की लहर के दौरान ऑक्सीजन टैंकर की भी दिक्कत आई थी। हमें अगर उत्तर प्रदेश या हरियाणा समेत आसपास से ऑक्सीजन मंगानी पड़े, तो इसके लिए हमारे पास टैंकर नहीं थे। इसलिए हम अब टैंकर भी ला रहे हैं।

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