दिल्ली में जिन लोगों ने पानी का अवैध कनेक्शन ले रखा है, उन लोगों के लिए अच्छी खबर है। दिल्ली सरकार सभी अवैध कनेक्शन को रेगुलराइज करने जा रही है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की अध्यक्षता में दिल्ली जल बोर्ड की सोमवार को हुई बैठक में यह प्रस्ताव पास कर दिया गया। जल बोर्ड इसके लिए अगले तीन महीने एक अभियान चलाकर अवैध कनेक्शनों को रेगुलर करने का काम करेगा।
सरकार के मुताबिक अवैध जल कनेक्शन होने से दोहरा नुकसान होता है। एक तरफ तो पानी की खपत का सही अंदाजा नहीं लग पाता और पानी के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है, वहीं ऐसे कनेक्शनों से सरकार को कोई राजस्व भी प्राप्त नहीं होता है।
अवैध कालोनियों में सबसे ज्यादा हैं गैरकानूनी जल कनेक्शन
दिल्ली में बहुत सी अवैध कालोनियां हैं। इन कालोनियों में पानी की सप्लाई की उचित व्यवस्था नहीं है। ऐसे में जहां से भी जल बोर्ड की पाइप गुजरती है, लोग चोरी से कनेक्शन ले लेते हैं। इससे जल के दुरुपयोग की संभावना बढ़ जाती है।
दिल्ली में ज्यादा जल की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी सरकार
इस समय दिल्ली में 900 MGD पानी की सप्लाई होती है। दिल्ली जैसे शहर के लिए पानी की यह खपत बेहद कम है। पानी की कमी पूरी करने के लिए लोग बोरिंग के पानी पर निर्भर करते हैं। जल के टैंकरों की कालाबाजारी होती है और लोगों को भारी कीमत पर पानी खरीदना पड़ता है।
इस परिस्थिति से निबटने के लिए सरकार दिल्ली में पानी की आपूर्ति बढ़ाने के उपायों पर जोर देगी। स्वच्छ पानी की सप्लाई के लिए सरकार कुछ जगहें सुनिश्चित करने की कोशिश कर रही है जहां रेनी वेल स्थापित किये जा सकें। इसके अलावा वर्षा जल को रोकने की तकनीकी पर भी अध्ययन किया जा रहा है। सरकार पानी की उपलब्धता के लिए हरियाणा जैसे राज्यों पर अपनी निर्भरता भी कम करना चाहती है।
स्काडा प्रोजेक्ट के माध्यम से जल का नुकसान रोकेंगे
राजधानी के अनेक क्षेत्रों में जल के खपत की ऑनलाइन मॉनीटरिंग की व्यवस्था लागू है। सरकार इस व्यवस्था को और अधिक गंभीरता से पूरी दिल्ली में लागू करने पर विचार कर रही है।
इस तकनीकी के माध्यम से किसी क्षेत्र में पानी की लीकेज होने पर पानी की सप्लाई खुद-ब-खुद कम हो जाती है। इसके अलावा स्कूल जैसे भवनों में छुट्टियों के समय पानी की सप्लाई बेहद कम हो जाती है। इससे जल के दुरुपयोग की संभावना कम हो जाती है।