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दिल्ली से हुई थी CAA हिंसा की फंडिंग, PFI के साथ तीन और संगठन थे शामिल

नागरिकता संसोधन कानून यानी सीएए के विरोध में 20 दिसंबर 2019 को मेरठ समेत कई जिलों में हिंसा कराने वाले चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की कुंडली खंगालने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और एटीएस ने मेरठ में डेरा डाल लिया है। जांच में सामने आया कि हिंसा कराने में पीएफआई के साथ तीन और संगठन सक्रिय थे। उनका कनेक्शन पीएफआई से जुड़ा मिला है। पीएफआई ने इन तीनों संगठन से जुड़े लोगों के खातों में दिल्ली से फंडिंग की। उसके बाद लिसाड़ीगेट, हापुड़ रोड, कोतवाली सहित कई जगहों पर पैसा बांटा गया।

पुलिस के अनुसार पीएफआई ने मेरठ के 12 लोगों के खातों में फंडिंग की थी। पीएफआई ने तीन अलग-अलग संगठनों से जुड़े लोगों के संयुक्त बैंक खातों में पैसा डाला। उसके बाद खातों से पैसा निकालकर उसको बांटा गया। ईडी और एटीएस ने दिल्ली से भी इसका रिकॉर्ड मांग लिया है। मेरठ समेत कई जिलों में पहले गुपचुप तरीके से मीटिंग हुई और फिर लोगों को उकसाने के लिये यह काम किया गया।

तीन और आरोपी गिरफ्तार
लिसाड़ीगेट पुलिस ने सोमवार को हिंसा में शामिल तीन आरोपियों इसरार, शादाब और सगीर निवासी किदवई नगर लिसाड़ीगेट को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने तीनों आरोपी पीएफआई से जुड़े बताए। हिंसा में इन तीनों ने पुलिस बल पर पथराव किया था। इनमें सगीर की उम्र करीब 65 साल बताई गई। आरोपियों से पूछताछ में पैसा मिलने की बात सामने आई है, जिसका सत्यापन किया जा रहा है।

हथियारों को चलाने की ट्रेनिंग देना चाहते थे
पुलिस की जांच में सामने आया कि पीएफआई के पदाधिकारी लोगों को हथियार चलाने की ट्रेनिंग देना चाहते थे, जिससे वह पुलिस प्रशासन के अधिकारियों से सीधा मुकाबला कर सकें।

इसको लेकर पीएफआई के सदस्यों ने धार्मिक स्थल में नौ सितंबर 2019 के बाद 52 से अधिक मीटिंग होनी बताई हैं। मीटिंग में लोगों को उकसाया गया। कहा गया कि तुम्हारे साथ अन्याय हो रहा है और कब तक चुप रहोगे। यह चुप्पी सरकार के हौसले बुलंद कर रही है।

बैंकों को एक और नोटिस भेजा
एसएसपी अजय साहनी ने बताया कि हिंसा के मामले में ईडी और एटीएस मेरठ में जांच कर रही है। बैंकों को नोटिस देकर कई संदिग्ध खातों की डिटेल मांगी गई है। बैंकों को सोमवार को फिर नोटिस दिया गया है, ताकि जल्द रिपोर्ट आ सके।

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