हड़ताव के कारण पूर्वी दिल्ली की हालत बदतर होती जा रही है। यमुनापार के अधिकतर इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं।
नई दिल्ली । वेतन न मिलने से नाराज सफाई कर्मचारियों की हड़ताल का असर दिल्ली की सड़कों पर नजर आने लगा है। हड़ताव के कारण पूर्वी दिल्ली की हालत बदतर होती जा रही है। यमुनापार के अधिकतर इलाकों में कूड़े के ढेर लग गए हैं। सफाई कर्मचारी गत बृहस्पतिवार से प्रदर्शन कर रहे हैं और शुक्रवार से हड़ताल पर है।प्रदर्शन के दौरान कूड़ा उठाने वाले ट्रकों को झिलमिल स्थित आरआर डिपो से बाहर नहीं निकलने दिया जा रहा है। इस वजह से डलाव घर के बाहर कूड़ा सड़क पर फैल गया है। एक तरफ कूड़े की बदबू से लोगों को दिक्कत हो रही है तो वहीं, दूसरी ओर राहगीरों को आवागमन में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
6500 मीट्रिक टन कूड़ा डलावघर में
निगम के आंकड़ों पर नजर डाले तो पूरे यमुनापार में हर दिन करीब 2200 मैट्रिक टन कूड़ा निकलता है, जो गाजीपुर स्थित डंपिंग प्वॉइंट पर डाला जाता है, लेकिन सफाई कर्मचारियों के हड़ताल पर जाने से शनिवार तक अनुमानित 6500 मैट्रिक टन कूड़ा डलाव घर में पड़ा है।
लोगों में बीमारी का डर
जिन लोगों के घर डलाव घर के आसपास हैं, उन्हें कूड़े से उठने वाली बदबू ने परेशान कर दिया है। लोगों में डर है कि यदि हड़ताल जल्द खत्म नहीं हुई तो प्रदूषित वातावरण में बीमार हो सकते हैं। डलाव घरों का कूड़ा सड़क पर फैलने की वजह से शनिवार को यमुनापार के कई इलाकों में जाम लगा रहा और लोगों को खासी दिक्कतों का सामना करनाै पड़ा।
शुरू हुई सियासत
सफाई कर्मचारियों की हड़ताल को लेकर दिल्ली भाजपा अध्यक्ष मनोज तिवारी ने आप सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा नेता ने कहा कि पूर्वी दिल्ली नगर निगम में सफाई कर्मियों की हड़ताल दिल्ली सरकार के फंड रिलीज न करने के चलते हुई है। आगामी नगर निगम चुनावों को देखते हुए केजरीवाल सरकार नगर निगम को जरूरी फंड नहीं दे रही है।
तिवारी ने कहा है कि विगत 2 वर्ष से केजरीवाल सरकार ने तीनों नगर निगमों के आर्थिक संसाधनों के मामले में राजनीति की है, ताकि उनका काम कमजोर पड़े। 2016 की शुरुआत में भी केजरीवाल सरकार ने निगम फंड रोके थे। लेकिन अब दिल्ली की जनता और निगमकर्मी केजरीवाल सरकार की गंदी राजनीति को समझने लगे हैं। आगामी नगर निगम चुनावों में आम आदमी पार्टी को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।