नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट के जज दीपक मिश्रा को मंगलवार को भारत के सर्वोच्च न्यायालय का प्रमुख न्यायाधीश चुन लिया गया. मिश्रा प्रधान न्यायाधीश जेएस खेहर का स्थान लेंगे जो 27 अगस्त को सेवानिवृत हो रहे हैं. जस्टिस मिश्रा सुप्रीम कोर्ट के 45 वें चीफ जस्टिस होंगे. वे इस पद पर 14 माह तक रहेंगे.
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उल्लेखनीय है कि3 अक्टूबर 1953 को जन्मे जस्टिस दीपक मिश्रा ने 14 फरवरी 1977को उड़ीसा हाई कोर्ट में वकालत की शुरू की थी. 1996 में उड़ीसा हाई कोर्ट का अतिरिक्त जज बनाया गया और बाद में मध्यप्रदेश हाई कोर्ट जज बने , 2009 के दिसंबर में पटना हाई कोर्ट का चीफ जस्टिस बनाया गया. फिर 24 मई 2010 में दिल्ली हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस बनाए गए .10 अक्टूबर 2011 को उन्हें सुप्रीम कोर्ट का जज बनाया गया. बता दें कि जस्टिस मिश्रा की संवैधानिक मामलों पर गहरी पकड़ है. इसके अलावा वे अंग्रेजी साहित्य व भाषा के भी बेहतरीन जानकार हैं. उन्हें अंग्रेजी में कविता पढ़ने और लिखने का शौक है.
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गौरतलब है कि जस्टिस दीपक मिश्रा ने कई ऐतिहासिक निर्णय दिए हैं. इनमे मुंबई ब्लास्ट के दोषी याकूब मेमन को फांसी की सजा देना प्रमुख है .जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई वाली पीठ ने ही याकूब के मामले में आजाद भारत में पहली बार सुप्रीम कोर्ट में रात भर सुनवाई कर दोनों पक्षों की दलील के बाद याकूब की अर्जी खारिज कर उसे तड़के उसे फांसी दी गई थी.अब जस्टिस दीपक मिश्रा की अगुवाई में बनी स्पेशल बेंच अयोध्या मामले की सुनवाई करेगी.