दुनिया में रहने या सेवानिवृत्ति के बाद बसने के लिहाज से भारत दुनिया का दूसरा सबसे सस्ता देश है। हाल ही में 112 देशों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण में रहने के मामले में सबसे सस्ता देश दक्षिण अफ्रीका को माना गया। यह सर्वेक्षण गोबैंकिंगरेट्स ने किया है। उसने देशों की रैंकिंग चार प्रमुख मानकों पर तय की है।
गोबैंकिंगरेट्स ने सर्वे के लिए नमिबियो द्वारा ऑनलाइन जुटाए गए डेटाबेस के आधार पर किया है। सर्वे में लोकल पर्चेजिंग पावर इंडेक्स, रेंट इंडेक्स, ग्रॉसरीज इंडेक्स और कन्ज्यूमर प्राइस इंडेक्स को आधार मान कर ऑनलाइन जुटाए गए आंकड़ों का आकलन किया है।
रेंट इंडेक्स के आधार पर रहने के लिए दुनिया के 50 सबसे सस्ते देशों में भारत दूसरे नंबर पर है। भारत से ऊपर, पड़ोसी नेपाल है। इस हिसाब से अन्य देशों के मुकाबले रहने के लिए भारत सबसे सस्ता देश है। उपभोक्ता सामान और ग्रॉसरी की कीमतों के हिसाब से भी भारत सबसे सस्ता देश है जहां कोलकाता शहर में 285 डॉलर (18,124 रुपये) मासिक खर्च में एक अकेला व्यक्ति अपनी गुजर-बसर कर सकता है। सर्वेक्षण के हिसाब से 125 करोड़ की आबादी वाला भारत दुनिया के 50 सबसे सस्ते और ज्यादा आबादी वाले देशों में से एक है। यहां प्रमुख उद्योग कपड़ा, रसायन और खाद्य प्रसंस्करण हैं। इसके अलावा भारत के कई शहरों में पर्चेंजिंग पावर भी अधिक है। सर्वे के अनुसार भारतीयों की स्थानीय क्रयशक्ति 20.9% सस्ती, किराया 95.2% सस्ता, ग्रॉसरी की कीमत 74.4% सस्ती और स्थानीय सामान और सेवाएं 74.9% सस्ती हैं। भारत के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का इस सूची में 14वां स्थान है। इसके अलावा कोलंबिया का 13वां, नेपाल का 28वां और बांग्लादेश का 40वां स्थान है। इन सभी देशों की इन चारों मानकों पर तुलना अमेरिका के न्यू यॉर्क शहर से की गई है।