
आगरा: शहर के जीआईसी मैदान में स्टील से बनी 2000 किलोग्राम वजन की किताब का विमोचन किया गया। डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा भगवान बुद्ध के जीवन पर लिखी गई पुस्तक ‘बुद्ध’ से इस किताब की सामग्री ली गई है। 400 सौ पन्ने की असली किताब को स्टील के 24 पन्नों में समेटा गया है। दो लाख शब्द की इस किताब को बनाने में तीन साल लगे हैं। लोगों के सामने इसे 70 डिग्री के झुकाव पर रखा गया था, ताकि सब इसे पढ़ सकें। वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने के मकसद से इसका निर्माण किया गया है। कार्यक्रम के आयोजकों का दावा है कि यह दुनिया की सबसे भारी किताब है। इसके एक पन्ने की ऊंचाई 9.2 फीट, चौड़ाई 5.5 फीट और मोटाई 2 इंच है। इस किताब को पूरे देश में भ्रमण भी करवाया जाएगा। धर्म भूमि फाउंडेशन के संस्थापक भांते करुणाशील राहुल के मुताबिक ताजमहल के बाद अब यह किताब लोगों का ध्यान आगरा की तरफ खीचेंगी।
इस संस्था के सदस्य प्रवीन वर्धान ने बताया कि इसका निर्माण करना सबसे मुश्किल काम था। इसे एक स्टील रॉड से जोड़कर किताब की शक्ल दी गई है। इस किताब का हिन्दी अनुवाद सिद्धार्थ स्वरूप बुद्ध ने किया है। उनके मुताबिक, अब तक कोई भी किताब स्टील से नहीं बनी है। विमोचन समारोह मौजूद लोगों ने भी कहा कि पहली बार उन्होंने इतनी मोटी और भारी वजन की किताब देखी है।