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दुनिया की 500 फॉर्च्यून की सूची में भारत की ये सात कंपनियां

Best-Cloud-Security-and-IAM-Practices-of-Fortune-500-Companiesएजेंसी/ न्यूयॉर्क। रेवेन्यू के लिहाज से दुनिया की 500 सबसे बड़ी कंपनियों की फॉर्च्यून की सूची में सात भारतीय कंपनियों ने जगह बनाई है। रिटेल बिजनेस की दिग्गज कंपनी वॉलमार्ट इस लिस्ट में पहले पायदान पर है।

भारतीय कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन सबसे आगे तो रही, लेकिन इसका स्थान 161वां है।

2016 की सूची में खास बात यह है कि नवरत्न कंपनी ओएनजीसी इससे बाहर हो गई है।

जबकि निजी क्षेत्र की रत्न एवं आभूषण निर्यात करने वाली कंपनी राजेश एक्सपोर्ट्स ने पहली बार सूची में प्रवेश किया है। उसे 423वां स्थान मिला।

सात भारतीय कंपनियों में चार सार्वजनिक क्षेत्र की हैं। निजी सेक्टर की कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज सबसे आगे है। इसके बाद टाटा मोटर्स और राजेश एक्सपोर्ट्स का नंबर है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों में इंडियन ऑयल के बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआइ) है। फिर भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम का नंबर है।

इंडियन ऑयल 5470 करोड़ डॉलर (लगभग 3,66,490 करोड़ रुपये) के रेवेन्यू के साथ 161वें नंबर पर है। बीते साल यह सूची में 119वें स्थान पर थी। रिलायंस इंडस्ट्रीज पिछले साल 158वें से खिसककर 215वें पायदान पर पहुंच गई है।

इसी प्रकार भारत पेट्रोलियम 280वें से 358वें नंबर पर आ गई है। हिंदुस्तान पेट्रोलियम को इस साल 367वां स्थान मिला है। जबकि पिछले साल वह 327वें नंबर पर थी।

फिलहाल टाटा मोटर्स और एसबीआइ की रैंकिंग में सुधार हुआ है। टाटा मोटर्स 226वें पायदान पर पहुंच गई है। पिछले साल यह कंपनी 254वें स्थान पर थी। इसी प्रकार एसबीआइ 260वें नंबर से छलांग लगाकर 232वें पर पहुंच गया है।

ये हैं टॉप फाइव

रैंकिंग, कंपनी , रेवेन्यू (डॉलर में)

1 , वॉलमार्ट , 48213 करोड़

2 , स्टेट ग्रिड , 32960 करोड़

3 , चाइना नेशनल पेट्रोलियम , 29927 करोड़

4 , सिनोपेक ग्रुप , 29434 करोड़

5 , रॉयल डच शेल , 27215 करोड़

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