उत्तराखंडराज्य

दुश्‍मनों पर टूट पड़ा था कमांडो धर्मेंद्र, एक को किया ढेर; फिर हो गया शहीद

जम्‍मू कश्‍मीर में शहीद होने पहले कमांडो धर्मेंद्र ने एक आतंकी मार गिराया था। इसके बाद वह शहीद हो गए। गुरुवार को उनका पार्थिव शरीर हल्‍द्वानी पहुंचा।

हलद्वानी: जम्मू-कश्मीर में आतंकी से लोहे लेते हुए उत्तराखंड का लाल शहीद हो गया था। शहीद होने से पहले पैरा कमांडो ने एक आतंकी को ढेर कर दिया था। आज शहीद का पार्थिव शरीर वायु सेना के हेलीकॉप्टर से हल्द्वानी पहुंचा। शहीद की अंतिम यात्रा में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

नैनीताल जिले के कोटाबाग ब्लाक के ग्राम पतलिया निवासी धर्मेंद्र कुमार साह (26 वर्ष) पुत्र मोहन लाल साह 29 पैरा एसएफ (स्पेशल फोर्स) में कमांडो थे। वर्तमान में वह 31आरआर (पैरा एसएफ) में जम्मू-कश्मीर में तैनात थे। मंगलवार को बांदीपोरा जिले के र्पे मोहल्ला, हाजिन में आतंकियों से लोहा लेते समय धर्मेंद्र शहीद हो गए। शहीद होने से पहले धर्मेंद्र ने एक आतंकी को मार गिराया।

गुरुवार सुबह वायुसेना के विशेष विमान से उनका पार्थिव शरीर बरेली पंहुचा। वहां से सेना के हेलीकॉप्टर से 11 बजे कोटाबाग पंहुचा। शहीद कमांडो धर्मेंद्र का पार्थिव शरीर आने से पूर्व सुबह से ही राजकीय इंटर कालेज कोटाबाग में जनसैलाब उमड़ने लगा था।

स्कूली बच्चो से लेकर क्षेत्र के युवा, महिलाएं और बुजुर्ग मैदान में पहुचे। चार से पांच हजार लोगों की मौजूदगी में भारत माता की जय, धर्मेंद्र तेरा यह बलिदान याद रखेगा हिन्दुस्तान के नारों से क्षेत्र गुंजायमान हो गया। एएससी 5685 बटालियन के कैप्टेन वैभव ममगई, 31आरआर जम्मू के कमांडो नायब सूबेदार शिवराज सिंह, एसएसपी नैनीताल जन्मेजय खंडूड़ी, सीडीओ प्रकाश चंद्र समेत आर्मी, पुलिस और सेना के अफसर और जवान मैदान में है।

सेना के फूल मालाओं से सुसज्जित वाहन पर शहीद का पार्थिव शरीर गांव की ओर ले जाया जा रहा है। लोगों की आंखें नम हैं। घर में पिता मोहन लाल, माता सावित्री देवी, भाई पवन व दीपक इंतजार कर रहे हैं। मां सावित्री दिल की मरीज हैं। आसपास की महिलाएं व रिश्तेदार उन्हें ढांढस बंधा रही हैं।

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