बारिश ने बृहस्पतिवार शाम को थराली कस्बे और आसपास ऐसा कहर बरपाया था कि एक बारात को रात सड़क पर ही गुजारनी पड़ी, जबकि दूल्हा-दूल्हन वाहन में ही रुके रहे। अगली सुबह कुछ बाराती चार किमी पैदल चलकर तहसील मुख्यालय पहुंचे तब प्रशासन को बारात फंसने की जानकारी लगी।
दोपहर एक बजे सड़क खुली तो अपराह्न तीन बजे बारात अपने गांव पहुंच पाई। वहीं अन्य बारातें भी मार्ग खुलने के बाद बृहस्पतिवार रात 1 से 3 बजे अपने गांवों तक पहुंची।
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ग्रामीण भुवन राम ने बताया कि बृहस्पतिवार को कांडे से जूनीधार एक दिवसीय बारात आई थी। बारात जैसे की बंदरढ़ोंड में पहुंची तो बारिश के कारण सड़क पर भारी मलबा आ गया। यहां मोबाइल नेटवर्क न होने से सूचना भी नहीं दे सके।
रात में जूनीधार से लोग 8 किमी पैदल चलकर बंदरढोंड़ पहुंचे, लेकिन 60 से 70 बारातियों की खाने की व्यवस्था नहीं हो पाई। किसी तरह भूखे प्यासे बारातियों ने सड़क पर और दूल्हा-दुल्हन ने गाड़ी में रात बिताई। सुबह भुवन राम और कुछ बारात चार किमी पैदल चलकर थराली पहुंचे। यहां से खाना लेकर वापस बंदरढोंड पहुंचे। इसके बाद प्रशासन को इसकी जानकारी दी गई।
तब पीएमजीएसवाई की जेसीबी सड़क खुलवाने के लिए भेजी गई। दोपहर एक बजे सड़क खुलने के बाद बारात कांडे के लिए रवाना हुई और तीन बजे कांडे पहुंची।
वहीं तहसील परिसर में रुकी अन्य तीन बारातों को रात को ही रवाना कर दिया गया था। पार्था से फल्दियागांव जाने वाली बारात सुबह तीन बजे गांव पहुंची। एसडीएम सीएस डोबाल ने बताया कि जूनीधार की सड़क पर बारात फंसने की सूचना नहीं मिल पाई थी। सुबह जब सूचना मिली तो जल्द राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया गया।