देखें हवा जहाज में सीटें फुल होने के बाद भी कैसे जानलेवा यात्रा कर रहे थे यात्री
पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस (पीआईए) इस बात की जांच कर रहा है कि सऊदी अरब जा रही उसकी एक उड़ान में कैसे सात लोगों को गलियारे में बैठ कर यात्रा करने की इजाजत दी गई। पीआईए के एक प्रवक्ता ने बीबीसी को इसकी जानकारी दी। इस साल 20 जनवरी को मदीना जाने वाली उड़ान की सभी सीटें फुल हो जाने के बाद इन यात्रियों को गलियारे में यात्रा करने की इजाजत दी गई थी।
पाकिस्तान के अख़बार ‘डान’ की ओर से की गई व्यापक जांच-पड़ालात के बाद ही ये बात सामने आई. अख़बार की ख़बर के मुताबिक़ कर्मचारियों ने इन यात्रियों को हाथ से लिखे हुए बोर्डिंग पास जारी किए गए थे। हवाई मामलों के जानकारों का कहना है कि इस तरह की ओवरलोडिंग से इमरजेंसी में विमान को खाली कराने में समस्या आ सकती थी। उनका यह भी कहना था कि अगर यात्रियों को तत्काल ऑक्सीजन की ज़रूरत हो तो वो उन्हें नहीं मिल सकती।
अख़बार ने एयर लाइन सूत्रों के हवाले से कहा है कि पीआईए के ग्राउंड स्टाफ ने कंप्यूटर से निकले बोर्डिंग पास की जगह हाथ से लिखे पास जारी किए गए। ख़बर के मुताबिक़ फ्लाइट कैप्टन अनवर अली ने ज़ोर देकर कहा कि विमान के अतिरिक्त यात्रियों की जानकारी उन्हें उड़ने से पहले तक नहीं थी। अख़बार ने उन्हें यह कहते हुए लिखा है, ” मैंने ध्यान दिया कि कुछ लोग वहाँ हैं, जिन्हें मैंने चेक इन काउंटर पर विमान की स्टाफ सीट देने से साफ़तौर पर इनकार कर दिया था.”
उन्होंने कहा, ” मैं उड़ान भर चुका था और विमान के सीनियर पर्सर ने मुझे विमान के दरवाजे बंद होने से पहले तक अतिरिक्त यात्रियों के बारे में नहीं बताया था।” अनवर अली ने अख़बार से कहा, ” टेक ऑफ़ के बाद फिर वापस कराची में इमरजेंसी लैंडिंग संभव नहीं थी, क्योंकि इसमें बहुत अधिक ईंधन खर्च होता, जो एयर लाइन के हित में नहीं था।”
वहीं पीआईए के प्रवक्ता डैनियल गिलानी ने बीबीसी से कहा, ” इस मामले की जांच चल रही है और जांच में दोषी पाए गए लोगों के खिलाफ ज़रूरी कार्रवाई की जाएगी। ‘ ‘जब उनसे ये पूछा गया कि जांच में कितना समय लगेगा, तो उन्होंने कहा, ” जांच में लगने वाले समय के बारे में बता पाना संभव नहीं है।” पिछले साल दिसंबर पाकिस्तान के उत्तरी हिस्से में एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, इसमें विमान में सवार 48 लोगों की मौत हो गई थी।