देवरिया कांड मामले में गिरिजा त्रिपाठी पर दो किशोरियों को गायब करने का मुकदमा
देवरिया : देवरिया कांड की मुख्य आरोपित गिरिजा त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। मां विंध्वासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान से गायब रुद्रपुर कोतवाली क्षेत्र की एक किशोरी के मामले में सदर कोतवाली पुलिस ने आज संस्था की संचालिका गिरिजा के खिलाफ किशोरी को बंधक बनाकर गायब करने का मुकदमा दर्ज किया है।
मुकदमा दर्ज करने के बाद पुलिस मामले की छानबीन में जुट गई है। गुरुवार को भी कोतवाली पुलिस ने बस्ती की एक लड़की के बाल गृह बालिका से गायब होने के मामले में भी मुकदमा दर्ज किया था। बीते पांच अगस्त को देवरिया कांड का खुलासा होने के अगले ही दिन मां विंध्यवासिनी सेवा संस्थान की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी व पति मोहन को पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसके बाद से ही इस मामले की विवेचना एसआइटी कर रही है। रुद्रपुर कोतवाली की एक किशोरी को पुलिस ने 2014 में बरामद कर मां विंध्वासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका को सौंप दिया था। लड़की के पिता का कहना है कि उसकी बेटी को संस्था से गायब कर दिया गया है। कई बार वह अपनी बेटी के लिए संस्था पर गया लेकिन उसे डांट कर संस्था की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी ने भगा दिया। गुरुवार की देर रात कोतवाली पुलिस ने गायब किशोरी के पिता की तहरीर पर गिरिजा त्रिपाठी के खिलाफ धारा 365, 120 बी के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया। कोतवाल विजय नारायण ने कहा कि मुकदमा दर्ज कर विवेचना की जा रही है। मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी पर अभी तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। 31 जुलाई को जिला प्रोबेशन अधिकारी के साथ अभद्रता करने तथा सरकारी कार्य में व्यवधान डालने का मुकदमा गिरिजा व उसकी बेटी कंचनलता पर दर्ज हुआ, जबकि पांच अगस्त को देवरिया कांड का खुलासा होने के बाद गिरिजा, बेटी कंचनलता व पति मोहन के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ। गुरुवार को बस्ती की किशोरी के बाल गृह से गायब होने के मामले में बाल गृह की संचालिका के खिलाफ धारा 365, 506 आइपीसी के तहत मुकदमा दर्ज हुआ। गुरुवार की शाम मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान से गायब बस्ती की एक किशोरी के मामले में कोतवाली पुलिस ने संस्थान की संचालिका व उसके कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया। यह कार्रवाई कोतवाली पुलिस ने एसपी के आदेश पर किया है। साथ ही बाल गृह बालिका से गायब रुद्रपुर कोतवाली की भी एक किशोरी के मामले में भी मुकदमा दर्ज करने की पुलिस की तैयारी है। पांच अगस्त को देवरिया कांड का खुलासा होने के अगले ही दिन मां विंध्यवासिनी सेवा संस्थान की संचालिका गिरिजा त्रिपाठी व पति मोहन को पुलिस ने जेल भेज दिया था। इसके बाद से ही इस मामले की विवेचना एसआइटी कर रही है। जांच में पता चला कि मां विंध्यवासिनी महिला प्रशिक्षण एवं समाज सेवा संस्थान द्वारा संचालित बाल गृह बालिका में वर्ष 2016 में बस्ती न्यायालय के आदेश पर बस्ती जनपद के गौर थाना क्षेत्र की एक किशोरी को रखा गया था। किशोरी का पिता मिलने के लिए कई बार बाल गृह बालिका देवरिया का चक्कर लगाया, लेकिन हमेशा उसे यही बताया गया कि उनकी बेटी का प्रशिक्षण चल रहा है। लगभग 6 माह पूर्व वह अंतिम बार जब वहां पहुंचा तो कर्मचारियों ने उसके साथ अभद्रता करते हुए कहा कि उसकी बेटी बाल गृह बालिका से कहीं भाग गई है और वह उसे खोजे। इस मामले में पुलिस ने किशोरी के पिता की तहरीर पर संचालिका व कर्मचारियों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर लिया।