देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बना PNB, कारोबार बढ़ने की है उम्मीद…
राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन के बीच पहली अप्रैल से पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया का विलय अमल में आ गया है। इस पर दैनिक जागरण के विशेष संवाददाता जयप्रकाश रंजन ने पीएनबी के एमडी व सीईओ एसएस मल्लिकार्जुन राव से बात की।
पेश है प्रमुख अंश:
बैंकिंग सेक्टर पर नेशनल लॉकडाउन का क्या असर हुआ है?
हमें कर्मचारियों के स्वास्थ्य का ध्यान रखना है और बैंकिंग सेवाएं भी जारी रखनी है। पीएनबी हालात को देखते हुए समाज के सभी वर्गो के हितों के मद्देनजर सर्विस चालू रखने की कोशिश में है। 30 मार्च से हमारी 95-96 फीसदी शाखाओं में काम चालू है। वैसे शाखा आने वाले ग्राहकों की संख्या 90 फीसद कम हो गई है, लेकिन वित्त वर्ष की शुरुआत के चलते हमने हर ब्रांच व एटीएम में पर्याप्त राशि पहुंचा दी है। सरकार की घोषणा के मुताबिक दो दिनों में गरीब जनता के खाते में पैसा जाना शुरू हो जाएगा।
टर्म लोन की किस्तें आगे बढ़ाने की घोषणा को बैंक कैसे लागू कर रहा है?
हमने ऑटोमेटिक तरीके से सभी लोन एकाउंट खाताधारकों को टर्म लोन की किस्तें आगे बढ़ाने की सुविधा देने का फैसला किया है। इससे कर्ज की अवधि अपने आप तीन महीने बढ़ जाएगी। जो ग्राहक इसका फायदा नहीं उठाना चाहते, उन्हें बैंक को सूचित करना होगा।
पीएनबी में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया के विलय की सारी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं?
विलय का एलान किए जाने के बाद से ही हम तैयारियों में जुटे हैं। सभी बैंकों के बोर्ड में आवश्यक बदलाव में लॉकडाउन की वजह से वक्त लगेगा। लेकिन, विलय पहली अप्रैल से प्रभावी हो गया है। इसको लेकर तकनीकी व अन्य प्रक्रियाएं 15-20 दनों में पूरी हो जाएंगी। अभी ग्राहकों के पुराने एटीएम कार्ड, चेक बुक वगैरह चलते रहेंगे।
विलय का क्या फायदा होगा?
पीएनबी अब देश का दूसरा सबसे ब़़डा बैंक बन गया है। पहले बड़ी-बड़ी परियोजनाएं चलाने के लिए 10-12 बैंकों से कर्ज लेना पड़ता था। विलय के बाद पीएनबी एक या दो और बैंकों के साथ मिलकर बड़े से बड़े प्रोजेक्ट की फंडिंग कर सकता है। इसके अलावा ओबीसी और यूबीआई के विस्तार वाले क्षेत्र में हम सशक्त तरीके से बैंकिंग सेवाएं दे सकेंगे। अब देश के समक्ष दूसरी पीढ़ी का पीएनबी (पीएनबी-2.0) होगा, जिसके पास 18,000 एटीएम, 11,000 शाखाओं के साथ 18 लाख करोड़ रुपये का कारोबार होगा। हम देश ही नहीं बल्कि दुनिया की बेहतरीन मोबाइल व इंटरनेट बैंकिंग सेवा देंगे, जो भरोसेमंद भी होगा और सुरक्षित भी।
ओबीसी व यूबीआई की माली हालत खराब है। विलय के बाद गठित नए बैंक के बही-खाते पर इसका असर दिखेगा?
पहली अप्रैल से जिस नए बैंक ने कामकाज शुरू किया है, उसका बही-खाता एकदम नया और साफ-सुथरा होगा। तीन बैंकों के एनपीए को लेकर सारे समायोजन 31 मार्च, 2020 को खत्म तिमाही में कर दिए गए हैं। पुराने एनपीए का बोझ नए कारोबार पर नहीं होगा। लेकिन, हमारा नया एनपीए प्रबंधन पहले से ज्यादा प्रभावशाली होगा। पुराने खाताधारकों के साथ बकाया कर्जे की वसूली की प्रक्रिया अब ज्यादा तेज व असरदार होगी। हम मान कर चल रहे हैं कि विलय के बाद पीएनबी के सालाना कारोबार में 10-12 प्रतिशत की लगातार वृद्धि होगी।