उत्तर प्रदेशसोनभद्र

देश के अति पिछड़े 115 जनपदों में सोनभद्र भी है इस रैंकिंग में मिला पहला स्थान

सोनभद्र,01सितंबर (मनोज वर्मा): सोनभद्र जिला उत्तर प्रदेश का अंतिम जिला होने के साथ ही यह आदिवासी बाहुल्य जिला है जो विकास की गति में काफी पिछड़ा हुआ है जिसको देखते हुए देश के 115 अति पिछड़े जिलों में सोनभद्र जिला भी शामिल है।

लेकिन अब सोनभद्र जिला में विकास की रफ्तार बढ़ी है और इसी रफ्तार को देखते हुए मासिक समीक्षा के दौरान नीति आयोग के द्वारा जारी डेल्टा रैंकिंग में  सोनभद्र में विकास की रफ्तार सबसे अधिक है।

जिसको देखते हुए सोनभद्र ने फर्स्ट रैंकिंग प्राप्त की है दरअसल यह नीति आयोग  शिक्षा , स्वच्छता, जल संचयन, कृषि,  स्वास्थ्य, स्किल देबलपमेंट  जैसे 6 मानकों को आधार मानकर जिले के विकास की समीक्षा करती है और इस समीक्षा के दौरान सोनभद्र ने पहला स्थान प्राप्त किया।

वहीं जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने बताया कि जुलाई महीने में नीति आयोग के द्वारा की गई समीक्षा में सोनभद्र ने नीति आयोग द्वारा जारी डेल्टा रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया है। और इस डेल्टा रैंकिंग की रिपोर्ट को http://103.210.73.67/  साइट पर भी देखा जा सकता है।

जनपद सोनभद्र देश के अति पिछड़े 115 जिलों में शामिल है लेकिन पिछले महीने जुलाई में विकास की रफ्तार बढ़ी है और इस विकास की समीक्षा नीति आयोग के द्वारा की जाती है जिसको देखते हुए सोनभद्र ने विकास दर में पहला स्थान प्राप्त किया है।

जिलाधिकारी एस राज लिंगम ने बताया कि नीति आयोग के द्वारा जारी डेल्टा रैंकिंग में सोनभद्र ने पहला स्थान प्राप्त किया है जिलाधिकारी ने बताया कि विकास के लिए नीति आयोग के द्वारा 6 मानक निर्धारित किए गए हैं।

जिनमें शिक्षा स्वास्थ्य कृषि जल संचयन स्किल डेवलपमेंट जैसे विकास के मानक हैं और इन क्षेत्रों में जिले के द्वारा किए गए विकास कार्यों की समीक्षा प्रत्येक महीने नीति आयोग के द्वारा की जाती है इनमें जो जनपद अच्छा  कार्य करता है उनकी रैंकिंग उसके अनुरूप आती है जिसको देखते हुए सोनभद्र जिले का जुलाई महीने का रैंकिंग प्रथम स्थान पर रहा है।

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