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देश के इन इलाकों में हुई सांप्रदायिक हिंसा, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

देश: बीते दिनों से लगातार सांप्रदायिक हिंसा से जुड़ी खबरें सामने आ रही है, ऐसे में यहां सवाल खड़ा होता है कि आखिर देश में बढ़ते हिंसा के पीछे किसका हाथ है? गणतंत्र दिवस के मौके पर ही उत्तर प्रदेश से हिंसा की खबर आई थी, जिसके बाद से मामला बिगड़ने लगा है। देश में बढ़ते सांप्रदायिक हिंसा को लेकर बड़ा सवाल ये है कि आखिर कौन है जो देश का माहौल बिगाड़ रहा है? इस सवाल का जवाब तो शायद ही कभी मिले, लेकिन इसके पीछे कहीं न कहीं सरकार और सियासत की नाकामी को दर्शाता है। तो चलिए एक नजर डालते हैं कि आखिर किन इलाकों में हुई है हिंसा, इसके पीछे सरकार क्या कर रही है?देश के इन इलाकों में हुई सांप्रदायिक हिंसा, आखिर कौन है इसका जिम्मेदार

यूपी के मुजफ्फरनगर में हिंसा

देश के सबसे बड़े राज्य यूपी से हिंसा की खबर सामने आई है। मामलें में अभी तक 6 लोगों के घायल होने की जानकारी मिली है। बता दें कि मामलें में पुलिस ने 2 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है, जिसके बाद सुरक्षा की दृष्टि से फोर्स को बुलाया गया है। दरअसल, खबर यह है कि एक युवती के साथ दूसरे समुदाय के एक युवक ने छेड़छाड़ की जिसके बाद से ही दोनों पक्षों ने हिंसा का रूप ले लिया है, हालांकि से पुलिस का कहना है कि वो माहौल को बिगड़ने नहीं देगी।

यूपी के कासगंज में हुई हिंसा

गणतंत्र दिवस के मौके पर विश्व हिन्दू परिषद और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के लोगों ने तिरंगा यात्रा निकाली, इस यात्रा के दौरान जमकर नारेबाजी हुई, नारेबाजी में कुछ ऐसा हो गया, जिससे  सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी। मौके पर ही एक युवक की मौत हो गई, जिसके बाद माहौल बेकाबू हो गया, हालांकि यूपी के एडीजी आनंद कुमार ने कहा कि 40 लोगों को गिरफ्तार किया गया है । बताते चलें कि अलीगढ़ कमीश्नर ने ये बात स्वीकार की है कि मामलें में कही तो कोई चूक हो गई है, जिसकी वजह से ये हिंसा भड़की है।

झारखंड के जमशेदपुर में हिंसा

जी हां, झारखंड के जमशेदपुर से भी सांप्रदायिक हिंसा की खबर सामने आई है। बता दें कि जमशेदपुर के जुगसलाई में सरस्वती पूजा के बाद मूर्ति विसर्जन के दौरान दो समुदायो में हिंसक झड़प हो गई, इस हिंसा में पुलिस की गाड़ी के साथ भी तोड़फोड़ की गई। इतना ही नहीं, मामलें में दोनों तरफ से जमकर पत्थबाजी और हंगामा भी हुआ, हालांकि फिलहाल पुलिस ने मामलें को शांत करा दिया है, लेकिन पुलिस का कहना है कि “सांप्रदायिक तनाव ना फैले इसके लिए जमशेदपुर के इस इलाके में आरएएफ के जवानों ने मार्च किया, चारो तरफ से घेराबंदी कर दी गई ताकि किसी भी तरह से माहौल न बिगड़े।

ये घटनाएं हाल की है, ऐसे में सवाल ये खड़ा होता है कि राष्ट्रीय पर्व के दौरान इस तरह से देश का माहौल खराब क्यों किया जा रहा है? इन सबके पीछे का मकसद क्या है? आखिर हमारी सरकारेंं इस तरह की घटनाओं को रोकने में अभी तक नाकाम क्यों रही है? क्यों हिंसा के नाम पर देश को जलने दिया जाता है, क्या राजनीतिक पार्टियां इस तरह की हिंसा से अपनी सियासी रोटियां सेकती हैं?

 

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