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देश को अंदर से ज्यादा खतरा : भागवत

Mohan-Bhagwat-Fलखनऊ /गोरखपुर । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सर संघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि देश को बाहर से कम अंदर से ज्यादा खतरा है। इससे निपटने के लिए एकता की जरूरत है। भागवत ने समाज से छुआछूत को मिटाने व राष्ट्रीयता को मजबूत करने के लिए स्वयंसेवकों से एकजुट होने का आह्वान किया। संघ प्रमुख गोरखपुर में द्वितीय प्रशिक्षण वर्ग में स्वयंसेवकों को संबोधित कर रहे थे। भागवत ने कहा कि हिंदू व हिंदुस्तान को मजबूत करने के लिए जात-पात और ऊंच-नीच से ऊपर उठकर काम करना होगा। उन्होंने कहा ‘निजी स्वार्थ व रिश्वतखोरी आज की सबसे बड़ी समस्या है। विकास के लिए सिर्फ सरकारों के भरोसे बैठना ठीक नहीं है। जरूरत इसकी है कि लोग खुद अपने विकास के बारे में सोचें।’ नरेंद्र मोदी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेतृत्व की राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन सरकार (राजग) सरकार का नाम लिए बिना भागवत ने कहा कि देश में नए नेतृत्व से लोगों को बेहतरी की उम्मीद है। केंद्र सरकार से सामंजस्य बनाकर संघ ‘अपना काम’ करता रहेगा। उन्होंने शाखाओं की निरंतरता व उसमें सभी स्वयंसेवकों की प्रतिभागिता पर बल दिया और कहा कि हिंदुत्व व भारतीयता की हमारी पहचान पूरी दुनिया में मजबूत होनी चाहिए यही सुनहरा सुअवसर है। गौरतलब है कि 24 मई से चल रहे संघ के शिक्षा वर्ग में बिहार झारखंड उत्तर प्रदेश व नेपाल से प्रशिक्षण के लिए करीब छह सौ स्वयंसेवक आए हुए हैं। सामूहिक बौद्धिक सत्र में सर संघ चालक ने कहा कि देश को परम वैभव की ओर ले जाना संघ का लक्ष्य है। स्वयंसेवक इसी मिशन के लिए ही काम करते हैं।

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